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Updated August 21st, 2019 at 22:59 IST

INX मीडिया केस: हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद CBI ने किया पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम को गिरफ्तार

लोकसभा सदस्य कार्ती ने ट्वीट कर दावा किया कि उनके पिता के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई की जा रही है जबकि उनके परिवार का इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। 

Reported by: Digital Desk
| Image:self
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नाटकीय घटनाक्रम के बीच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में बुधवार रात को यहां उनके जोर बाग स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया।

आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय से तत्काल कोई राहत नहीं मिलने के कुछ घंटे बाद एजेंसी के अधिकारी उनके आवास पहुंचे और दीवार फांदकर घर में प्रवेश किया। अधिकारी पूर्व वित्त मंत्री को उनके आवास से सीबीआई मुख्यालय ले गये।


सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले चिदंबरम कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करने के बाद अपने आवास पर पहुंचे थे। 

सीबीआई के करीब 30 अधिकारियों की टीम दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ जोर बाग स्थित चिदंबरम के आवास पर पहुंची। कुछ देर मुख्य दरवाजा खटखटाने के बाद अधिकारियों ने परिसर की दीवार फांदकर घर में प्रवेश किया। बाद में प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम भी वहां पहुंची।

चिदंबरम बुधवार की शाम अचानक कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने रात सवा आठ बजे मीडिया को संबोधित किया।

उन्होंने दावा किया कि वह कानून से ‘‘भाग’’ नहीं रहे हैं एवं उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘‘झूठे’’ हैं। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और अभिषेक मनु सिंघवी भी मौजूद थे।

शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की चिदंबरम की याचिका पर शुक्रवार को ही सुनवाई करने का फैसला किया है जिसके बाद सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पूर्व वित्त तथा गृह मंत्री को गिरफ्तार करने के लिए स्वतंत्रता मिल गयी है।

सीबीआई और ईडी ने इससे पहले चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट परिपत्र जारी किया था ताकि उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सके। 

चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय के मीडिया हॉल में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह दावा किया कि उनके खिलाफ लगे आरोप ‘‘झूठे’’ हैं। 

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि लोकतंत्र की बुनियाद स्वतंत्रता है। संविधान का सबसे अहम अनुच्छेद 21 है जो जीवन और स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अगर इनमें से एक को चुनने का विकल्प हो तो मैं बेहिचक स्वतंत्रता का चुनाव करूंगा।’’ 

उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में बहुत कुछ हुआ जिससे कुछ लोगों को चिंता हुई और भ्रम की स्थिति पैदा हुई।

चिदंबरम ने कहा, ‘‘आईएनएक्स मीडिया मामले में मैं किसी अपराध का आरोपी नहीं हूं। मेरे परिवार का कोई सदस्य भी इस अपराध का आरोपी नहीं है। यहां तक अदालत में सीबीआई या ईडी द्वारा कोई आरोप पत्र भी दाखिल नहीं किया गया। प्राथमिकी में भी यह नहीं कहा गया है कि मैंने कुछ गलत किया।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ इन सबके बावजूद ऐसी धारणा पैदा की जा रही है कि बड़ा अपराध हुआ है और मैंने एवं मेरे बेटे ने अपराध किया है। सब झूठ फैलाया जा रहा है।’’ 

चिदंबरम ने कहा, ‘‘ मैंने अग्रिम जमानत की मांग की। मेरे वकीलों ने उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई कि सुनवाई की जाए। मैं पूरी रात वकीलों के साथ काम कर रहा था। आज पूरे दिन भी वकीलों के साथ काम कर रहा था।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे सीबीआई ने सम्मन किया और फिर ईडी पूछताछ के लिए आ गई। मैंने अग्रिम जमानत मांगी। मुझे 13-15 महीने गिरफ्तारी से अंतिम राहत मिली। गत 25 जुलाई को फैसला सात महीने के लिए सुरक्षित रखा गया और कल उच्च न्यायालय अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी।’’ 

चिदंबरम ने कहा कि अपने वकील साथियों की सलाह पर वह अग्रिम जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंचे। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कानून से बच नहीं रहा था, कानून के संरक्षण का प्रयास कर रहा था। मैं न्यायालय के आदेश का सम्मान करता हूं। मैं कानून का पालन करूंगा, भले ही एजेंसियों द्वारा इसे भेदभाव ढंग से लागू किया जा रहा हो। मैं सिर्फ यही उम्मीद और प्रार्थना करूंगा कि जांच एजेंसियां भी कानून का सम्मान करेंगी।’’ 

चिदंबरम के पुत्र और लोकसभा सदस्य कार्ति ने ट्वीट कर दावा किया कि उनके पिता के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मेरा आईएनएक्स मीडिया मामले से कोई लेनादेना नहीं है। हमारी सारी संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा घोषित है। मैं कई बार यह बात कही है।’’ 

वरिष्ठ वकील और कांग्रेस सलमान खुर्शीद ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ लगे आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है।

गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई अधिकारी मंगलवार को चिदंबरम के दिल्ली स्थित आवास पहुंचे, लेकिन वहां उनसे मुलाकात नहीं होने पर अधिकारियों ने एक नोटिस चस्पा कर उन्हें दो घंटे में पेश होने का निर्देश दिया।

इसके जवाब में चिदंबरम की कानूनी टीम ने कहा कि नोटिस में कानून के उन प्रावधानों का जिक्र नहीं किया गया है जिनके तहत उन्हें तलब किया गया। साथ ही उन्होंने उच्चतम न्यायालय में बुधवार सुबह उनकी याचिका पर सुनवाई होने से पहले कोई बलपूर्वक कार्रवाई ना करने की अपील भी की। सीबीआई की टीम बुधवार को सुबह एक बार फिर चिदंबरम के आवास पहुंची थी। ईडी ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है।

 

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Published August 21st, 2019 at 22:06 IST

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