Updated March 11th, 2019 at 14:27 IST
चुनाव की टाइमिंग पर EC और विपक्षी दलों में ठनी, कांग्रेस समेत अन्य पार्टी के नेता विरोध में उतरे....
इसी बात को लेकर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने चुनाव की तारीख को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
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दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े त्यौहार यानि लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक चूक है। यानि भारत के निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। आयोग ने 11 अप्रैल से सात चरणों में आम चुनावों की घोषणा की है। इसके साथ ही पवित्र माह रमजान का भी महीना 5 मई से शुरु होने वाला है और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव ना होने का मुद्दा छाया रहा है।
इसी बात को लेकर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने चुनाव की तारीख को लेकर सवाल खड़े किए हैं। चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस नेता संदीप दिक्षित से लेकर आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान सवाल खड़े किए हैं।
फारुख अब्दुल्ला ने भी खड़े किए सवाल
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भी पार्टियां विधानसभा चुनाव कराने के हक में हैं । अगर लोकसभा चुनाव के लिए माहौल ठीक है तो फिर विधानसभा चुनाव के लिए क्यों नहीं । उन्होंने कहा कि जब पंचायत चुनाव हो सकते हैं तो फिर ये क्यों नहीं । उन्होंने कहा कि अगर राज्य में सुरक्षाबल पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं, तो फिर दोनों चुनाव साथ में क्यों नहीं कराए जा सकते हैं।
महबूबा मुफ्ती ने उठाए सवाल
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चुनाव आयोग पर राज्य में विधानसभा चुनाव का ना ऐलान करने को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव ना करवाया जाने का फैसला लोकतंत्र के मूल विचारों का विरोधी है
संजय सिंह ने भी भी चुनाव आयोग पर साधा निशाना
क्या चुनाव आयोग भाजपा कार्यालय से संचालित होता है ? 2014 में 5 मार्च को चुनाव की घोषणा हुई थी ,5 दिनों में मोदी जी ने कई रैलियां, सभाएं कर ली हैं।
TMC ने रमजान का दिया हवाला
तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने चुनाव की तारीखों को धार्मिक एंगल से जुड़ते हुए बीजेपी पर निशाना साधा।
EC एक संवैधानिक निकाय है और हम उनका सम्मान करते हैं। हम उनके खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहते। लेकिन 7 चरण का चुनाव बिहार, यूपी और डब्ल्यूबी के लोगों के लिए कठिन होगा। यह उन लोगों के लिए सबसे मुश्किल होगा जो उस समय रमजान का पालन कर रहे होंगे।
उन्होंने आगे कहा कि इन 3 राज्यों में अल्पसंख्यक आबादी काफी अधिक है। वे 'रोजा' रखकर वोट डालेंगे। EC को इसे ध्यान में रखना चाहिए था। बीजेपी चाहती है कि अल्पसंख्यक अपना वोट न डालें। लेकिन हम चिंतित नहीं हैं। लोग 'बीजेपी हटो-देश बचाओ' के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सीपीएम ने चुनाव आयोग से की अपील
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह चुनाव आयोग का संवैधानिक अधिकार है और जब चाहें तब चुनाव कराए और ऐसा कराने का उसे पूरा अधिकार है। लेकिन उन्हें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि रमजान की तारिख भी चुनाव से टकरा रही हैं। हम इस मुद्दे को देखेंगे और चुनाव आयोग से अनुरोध करेगा।असदुद्दीन ओवैसी आए समर्थन में...
वहीं AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव की तारीखों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बेवजह तूल देने की कोशिश हो रही है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने लोकसभा की कुल 543 सीटों पर सात चरणों में चुनाव का ऐलान किया है। 11, 18, 23, 29 अप्रैल और 6, 12 और 19 मई को चुनाव होंगे। मतगणना एक साथ 23 मई को होगी। 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक चरण में ही मतदान होगा। चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लागू हो गई है।
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Published March 11th, 2019 at 14:27 IST
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