Advertisement

Updated November 26th, 2018 at 22:05 IST

मुंबई हमले के मास्टमाइंड हाफिज सईद द्वारा आयोजित 26/11 हमले के जश्न समारोह में शामिल हुए इमरान खान के कैबिनेट मंत्री

आतंकी​​​​​​​ हाफिज सईद ने भारत में 26/11 के हमले के 10 वीं वर्षगांठ पर लाहौर के Faletti's Hotel में एक कार्यक्रम रखा .

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
Advertisement

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुआ आतंकवादी हमला महज एक आतंकी हमला भर नहीं था. बल्कि इस हमले से विदेशी नागरिकों सहित 166 निर्दोष लोगों की जानें ली. सोमवार को मुंबई पर हुए आंतकी हमले के दस साल पूरे हो गए हैं. लेकिन इस हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद अब भी पाकिस्तान में आजाद घूम रहा है. लेकिन आज पाकिस्तान में 26/11 के मास्टमाइंड हाफिद सईद जश्न मना रहा है और इस जश्न में इमरान खान के कैबिनेट मंत्री भी शामिल हुए. 

आतंकी हाफिज सईद ने भारत में 26/11 के हमले के 10 वीं वर्षगांठ पर लाहौर के Faletti's Hotel में एक कार्यक्रम रखा . इस कार्यक्रम में अमरीका और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित हाफीज सईद के भाई अब्दुल रहमान मक्का भी शामिल हुए . इस दौरान मक्का ने कहा कि 26/11 हमें बदनाम करने की साजिश थी. 

चौंकाने वाली बात यह है कि इस कार्यक्रम में पाक स्थित पंजाब सरकार के सूचना मंत्री फयाज उल हसन चौहान भी शामिल हुए. 

बता दें 26/11 हमले के पीछे और कोई नहीं बल्कि पाकिस्तान था. हमले के बाद हमेशा की तरह पाकिस्तान इस बात से पलट गया कि हमले की साजिश उसके यहां रची गई. शुरुआत में वह मानने के लिए तैयार नहीं था कि हमला करने वाले आतंकवादियों का ताल्लुक़  उसके वहां से था. मुंबई पुलिस के कांस्टेबल तुकाराम बोंबले ने जिंदा आतंकवादी अजमल कसाब को पकड़कर ऐसा सबूत पेश किया जिससे पाकिस्तान का नापाक चेहरा उजागर हो गया. 


आतंकवादी कसाब के जिंदा पकड़े जाने से पाकिस्तान की पोल खुल गई. पाकिस्तान के खेल को पूरी दुनिया समझ गई . खुद कसाब ने माना कि वह पाकिस्तानी नागरिक है. उसने क़बूल किया कि मुंबई हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई और मुंबई में हमले के लिए वहां बैठे उनके आका उन्हें निर्देश दे रहे थे. कसाब के जरिए पाकिस्तान का झूठ पकड़ा गया और उसके काले कारनामों का पर्दाफ़ाश हुआ. 

इसके बाद अमरीका और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तमाम कोशिशों के बाद भी हाफिज सईद का कुछ नहीं बिगड़ा. यहां तक कि उस पर इस हमले की साजिश रचने के आरोप में कोई आपराधिक मुकदमा भी नहीं दर्ज हुआ है. 

इन 10 सालों में पाकिस्तान में सरकार संरक्षण का पूरा लाभ उठाकर वह पहले से अधिक ताक़तवर हो गया है. और इमरान खान के सत्ता में आते ही उसके संगठन जमात - उल - दावा और फलाह - ए - इंसानियत फाउंडेशन से प्रतिबंध हटा लिए गए हैं.


पिछले कुछ सालों में सईद को कई बार दिखावटी गरिफ्तार किया गया है. जब भी उसे संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया वह हर बार एक नया संगठन बना लेता था. 

लेकिन अब सवाल उठता है कि सईद और उसके संगठन जमात- उद - दावा इतना ताकतवर क्यों है. ? अमरीका द्वारा धमकी के बावजूद पाकिस्तान सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती हैं ?

Advertisement

Published November 26th, 2018 at 22:05 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo