Updated August 11th, 2021 at 18:15 IST
#WomenOfBhuj : IAF ने 300 महिलाओं के साथ मिलकर PAK को चटाई थी धूल, जानें पूरा वाक्या
भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया फिल्म ने भारत वासियों को, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय जवानों और माधापुर की महिलाओं द्वारा प्रदर्शित वीरता की याद दिला दी है।
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बॉलीवुड फिल्म, भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया 13 अगस्त 2021 को रिलीज़ होने वाली हैं, इस फिल्म ने भारतवासियों को, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय जवानों और माधापुर की महिलाओं द्वारा प्रदर्शित वीरता की याद दिला दी है। इस फिल्म में मुख्य भूमिका के तौर पर अजय देवगन, संजय दत्त और सोनाक्षी सिन्हा शामिल हैं। वहीं आज के ही दिन, 1971 के युद्ध में भुज के एक गांव की 300 महिलाओं के बहादुरी से देश को जीतने के योगदान को याद किया जाता हैं। 1971 के इस दिन को लोग #WomenOfBhuj के नाम से ट्रेंडिंग भी कर रहे हैं, नीचे दिए गए ट्वीट पर एक नजर डाले।
भुज युद्ध 1971: यह युद्ध दो मोर्चों पर लड़ा गया था
i) पूर्वी पाकिस्तान जो बांग्लादेश बन गया
ii) पश्चिमी पाकिस्तान (Pakistan)
1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत का प्रतीक 11 जुलाई 2021 को भारतीय नौसेना स्टेशन, कट्टाबोम्मन में प्राप्त किया गया था।
जानें 1971 में भुज में क्या हुआ था?
1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध के इस युद्ध को बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के रूप में भी जाना जाता है, जो भारत के वायु सेना और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया था। यह पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बीच हुआ जो 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ और 16 दिसंबर 1971 को ढाका के पतन तक चला था। युद्ध की शुरुआत 11 भारतीय हवाई स्टेशनों पर ऑपरेशन चंगेज़ ख़ान के हवाई हमलों से हुई थी।
बताया जाता हैं कि, 8 दिसंबर 1971 को जब भारत पर पाकिस्तानी सेबरों ने रात में हमला किया था। भुज में भारतीय वायुसेना की एक पट्टी पर 14 से अधिक नेपलम बम गिराए गए। इससे भारतीय वायुसेना के विमानों के उड़ान भरने में बाधा उत्पन्न हो गई थी। भारतीय वायुसेना बीएसएफ की मदद लेना चाहती थी लेकिन इस काम को अंजाम देने के लिए पर्याप्त जवान वहां मौजूद नहीं थे। हालांकि, भुज के पास के गांव माधापुर के लोगों ने भारतीय वायुसेना की मदद की और मुख्य रूप से गांव की महिलाओं ने लगभग 72 घंटों में सफलतापूर्वक इस काम को पूरा किया था।
उन प्रतिभागियों में से एक ने इस बात की जानकारी दी थी कि, "हम 300 महिलाएं थीं जिन्होंने वायु सेना की मदद के लिए अपने घरों को छोड़ दिया था, यह सुनिश्चित करने के लिए कि पायलट यहां से फिर से उड़ान भरेंगे। अगर हम मर जाते, तो हमारे लिए यह एक सम्मानजनक मौत होती।"
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, "जब हम विमान को ठीक करने में उनकी मदद करते थे तो अचानक जब कोई आता था तो हम तुरंत दौड़कर झाड़ियों में छिप जाते थे। हमें खुद को छिपाने के लिए हल्के हरे रंग की साड़ी पहनने को कहा गया था। एक छोटा सायरन एक संकेत था कि हम काम फिर से शुरू कर सकते हैं। हमने दिन के उजाले का अधिकतम उपयोग करने के लिए सुबह से शाम तक कड़ी मेहनत की।
नीचे देखिए माधापुर की बहादुर महिलाओं की तस्वीर :
कौन हैं विजय कार्णिक जिसका अभिनेता अजय निभाएंगे किरदार ?
विजय कार्णिक, यह एक सेवानिवृत्त भारतीय वायु सेना अधिकारी थे, इन्होने 1971 में भारतीय वायुसेना में एक विंग कमांडर के रूप में कार्य किया था। क्षतिग्रस्त हवाई पट्टी के निर्माण के लिए माधापुर की महिलाओं को जुटाने के विचार के पीछे वह एक मात्र व्यक्ति थे।
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Published August 11th, 2021 at 18:15 IST
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