Updated February 25th, 2021 at 18:19 IST
भगोड़े नीरव मोदी को लाया जाएगा भारत, ब्रिटेन की कोर्ट ने दिए आदेश
ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में सुनवाई के लिए नीरव मोदी को भारत में प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है।
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भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को एक बड़ा झटका मिला है। ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में सुनवाई के लिए नीरव मोदी को भारत में प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है। प्रथम दृष्टया को स्वीकार करते हुए, मनी लॉन्ड्रिंग का मामला स्थापित किया गया है और जज ने स्वीकार किया कि ‘मोदी ने गवाहों को धमकाया था और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी’।
जज ने भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता की तारीफ की और कहा कि ‘अगर नीरव मोदी को प्रत्यर्पित किया जाता है, तो इसका कोई सबूत नहीं होगा कि मामले में न्याय नहीं हुआ’। पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी को अगर प्रत्यर्पित किया गया तो उसे मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में रखा जाएगा।
जज ने क्या कहा?
ये देखते हुए कि अधिकारियों को गुमराह करने के लिए बैंक के सीबीएस सिस्टम में एंट्री किए बिना 2011 से 2017 के बीच 'लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग' जारी किया गया था, जज ने ‘नीरव मोदी के इस दावे को ठुकरा दिया कि वह वैध व्यवसाय में शामिल था’।
जज ने यह भी कहा कि नीरव मोदी और बैंक अधिकारियों सहित अन्य षड्यंत्रकारियों के बीच संबंध थे और बताया कि मोदी की कंपनियां उनके द्वारा संचालित छाया कंपनियां थीं। जज का मानना है कि मोदी को दोषी ठहराने के लिए सबूत हैं और साथ ही उन्होंने मोदी के उन दावों को खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि ‘कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अरबपति के खिलाफ मामले को प्रभावित करने की कोशिश की थी’।
जज ने निष्कर्ष निकाला कि मोदी की कंपनियों को ‘धोखाधड़ी’ से चलाया जा रहा था और इसके लिए उसे सजा हो सकती है।
आगे जज ने नीरव को जेल में रहने के लिए फिट भी करार दिया और उसके 'जेलों में भीड़भाड़' और ‘बिगड़ती तबियत’ के दावे को खारिज कर दिया। जज ने कहा कि नीरव मुंबई में अपनी पसंद से इलाज करा सकता है, साथ ही बाथरूम, साफ खाना और पानी तक भी उसकी पहुंच होगी। जेल में 24 घंटे सुरक्षा और निगरानी होगी। साथ ही जज ने नीरव के ‘मानसिक रूप से बीमार’ होने की बात भी ठुकरा दी और कहा कि ‘वह जेल के लिए एकदम फिट है’।
मामले में तर्क
विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के प्रत्यर्पण से इनकार करने के हालिया आदेश का हवाला देते हुए, मोदी की वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने तर्क दिया कि ‘मोदी की मानसिक स्थिति और भारत में जेल की स्थिति को देखते हुए उन्हें जो इलाज मिलेगा, वो बिलकुल असांजे जैसा है’। उन्होंने दोहराया कि ‘उनके क्लाइंट का मानसिक स्वास्थ्य मार्च 2019 के बाद से ही लगातार बिगड़ रहा है और इस मामले को अब खारिज कर देना चाहिए’। हालांकि, सीपीएस बैरिस्टर हेलन मैल्कम ने कहा कि ‘दोनों मामले पूरी तरह से अलग हैं’।
मोदी के वकीलों का यह भी दावा था कि "सत्तारूढ़ भाजपा" द्वारा मामले का ‘राजनीतिकरण’ किए जाने के कारण उसे ‘भारत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिलेगी’।
बता दें, नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) के साथ 13,570 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने की साजिश के एक हिस्से के रूप में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने के प्रमुख लाभार्थी होने का आरोप लगाया गया है। दिसंबर 2019 में, मुंबई की एक विशेष PMLA कोर्ट ने उन्हें 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित किया था।
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Published February 25th, 2021 at 18:16 IST
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