Updated January 24th, 2019 at 18:10 IST
National Approval Ratings | आंध्र प्रदेश में बीजेपी को लग सकता है बड़ा झटका , YSRCP कांग्रेस जीत की ओर
ये तीनों पार्टियां हैं ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद, आंध्र प्रदेश की वायएसआर कांग्रेस और तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस. ओडिशा, आंध्र और तेलंगाना में कुल मिलाकर 63 लोकसभा सीटें हैं.
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लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम चर्चाएं फिजाओं में गूंज रही है. चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग अमूमन मार्च के पहले हफ्ते में कर सकता है. लेकिन चुनाव से पहले रिपब्लिक भारत - सी वोटर के साथ मिलकर देश का ताजा मूड़ जानने की कोशिश की है.
आंध्रा प्रदेश में रिपब्लिक टीवी और सी वोटर के National Aproval Rating के मुताबिक बीजेपी के साथ - साथ एनडीए की सीटें पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी कम हो रही है. सीटें कम होने की सबसे बड़ी वजह टीडीपी का बीजेपी से मोह भंग होना है.
सी वोटर के मुताबिक अगर इस वक्त लोकसभा चुनाव हुए तो आंध्र प्रदेश में नरेंद्र मोदी को 7.2 % जनता और राहुल गांधी को 9.8 % जनता जनता पीएम पद के लिए पसंद करती है. वहीं वाईएसआर कांग्रेस को 41.3 % लोगों के पसंद हैं.
आंध्र में कुल 25 सीटों में से वाईएसआर कांग्रेस को 14 सीटें मिल रही हैं. तो टीडीपी को 6 सीटें मिल सकती हैं. यहां बीजेपी और कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाएगी.
23 जनवरी को कांग्रेस और टीडीपी की राहें अलग होने के बाद इसका खामियाजा राहुल गांधी को उठाना पर पड रहा है.
बता दें पिछले दिनों जगन मोहन रेड्डी अपनी 2900 किमी की यात्रा पूरी कर चुके हैं. और उनके पद यात्रा में भीड़ जरूरत से ज्यादा नजर आने लगी थी. पद यात्रा के दौरान जब जगन मोहन रेड्डी तारीचेटलापालेम रोड पहुंचे तो ब्रिज रोड हर तरह की सड़क पर 2 किमी तक केवल भीड ही भीड़ दिख रही थी. वहीं विशाखापट्टनम में तो लोगो की सुनामी दिखाई दी थी.
इस भीड़ को देखकर कहते है कि विरोधी दल की रैली या कार्यक्रमों में अगर भीड़ जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगे तो सत्ता और सरकार को सावधान हो जाना चाहिए. क्योंकि यह भीड़ सरकार के प्रति अपने आक्रोस का प्रतीक होती है. वहीं राजनीतिक रणनिताकार प्रशांत किशोर भी अब वाईएसार कांग्रेस के साथ जुड़ गए हैं.
उधर ममता बनर्जी की इस रैली में देशभर की 20 पार्टियों के 25 नेता शामिल हुए. इन पार्टियों का एक ही मकसद है- आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना और उसे सत्ता में वापसी से रोकना. हालांकि इस रैली से तीन बड़ी गैर-एनडीए पार्टियां नदारद रहीं.
ये तीनों पार्टियां हैं ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद, आंध्र प्रदेश की वायएसआर कांग्रेस और तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस. ओडिशा, आंध्र और तेलंगाना में कुल मिलाकर 63 लोकसभा सीटें हैं.
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Published January 24th, 2019 at 16:39 IST
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