Updated March 29th, 2022 at 17:29 IST
हैदराबाद में मिलेगी 'National Animal Resources' की सुविधा; 2 अप्रैल से होगा बायोमेडिकल रिसर्च की शुरुआत
हैदराबाद, जो पहले से ही कई अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) संस्थानों का केंद्र है। अब यहां जल्द ही बायोमेडिकल रिसर्च के लिए राष्ट्रीय पशु संसाधन सुविधा मिल जाएगी।
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हैदराबाद जो कई अनुसंधान और विकास (R&D) संस्थानों का केंद्र है। अब यहां जल्द ही बायोमेडिकल रिसर्च (NARFBR) के लिए राष्ट्रीय पशु संसाधन सुविधा मिलेगी। इस संस्थान का उद्घाटन 2 अप्रैल को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया द्वारा किया जाएगा। NARFBR की स्थापना केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से हैदराबाद के जीनोम वैली में की गई है।
यह बुनियादी और अनुप्रयुक्त जैव चिकित्सा अनुसंधान के लिए और विशेष रूप से जानवरों से संबंधित रिसर्च के लिए देश में स्थापित होने वाला पहला ऐसा संस्थान है। यह न केवल भारत में बल्कि दक्षिण एशिया में भी पहला संस्थान है। इसकी तैयारी लंबे समय से चल रही थी, जो अब पूर्ण रूप से बन कर तैयार है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (ICMR) के तत्वावधान में यह नई दवाओं, टीकों, चिकित्सा उपकरणों और खाद्य उत्पादों के विकास के लिए तैयार किया गया है, जिसे बायोमेडिकल रिसर्च से संबंधित जानवरों के विभिन्न पहलुओं पर रिसर्च करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ इस संस्थान की स्थापना की गई है। यह संस्थान बायोटेक्नोलॉजी, बायोफार्मा, बायोमेडिकल और बायोमेडिकल सुविधाओं के लिए एक स्थान पर एक साथ काम करने के लिए एक छत्र संगठन है।
संस्थान जानवरों से संबंधित अनुसंधान उत्पादों के परीक्षण के लिए विभिन्न विशिष्ट मॉडल विकसित करेगा, जिससे यह जानवरों के रिसर्च के लिए एक विश्व स्तरीय सुविधा बन जाएगा।
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यह सुविधा जानवरों से संबंधित प्रयोगशालाओं और संबंधित तकनीकी संसाधनों की एक विस्तृत श्रृंखला के निर्माण और विकास के लिए मेडिकल कॉलेजों, अनुसंधान और शिक्षाविदों, विश्वविद्यालयों और बायोटेक / बायोफार्मा संगठनों के सहयोग से देश में जैव चिकित्सा अनुसंधान के विकास की सुविधा प्रदान करती है। यह संस्थान लगभग चार लाख वर्ग फुट के क्षेत्र को कवर करता है और लगातार अनुसंधान गतिविधियों का संचालन करता है।
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Published March 29th, 2022 at 17:25 IST
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