Updated December 16th, 2018 at 10:51 IST
मुंबई कांग्रेस ने रिलायंस दफ्तर के बाहर चस्पा किए 'राफेल चोर' पोस्टर
अनिल अंबानी ने राफेल जेट सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे यह साबित हो गया कि उनकी कंपनी खिलाफ लगाए गए सभी आरोप राजनीति से प्रेरित और गलत थे.
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मुंबई कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सांताक्रुज में रिलायंस दफ्तर के बाहर 'राफेल चोर ' पोस्टर चस्पा कर दिया. शनिवार देर रात चस्पा किए गए इन पोस्टर की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
दरअसल, कुछ समय से रिलायंस के मालिक अनिल अंबानी सरकार और कांग्रेस के बीच राफेल डील के आरोप - प्रत्यारोप में घसीटे जा रहे थे अब इस मुसबीत से उन्हें को राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील को लेकर दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ऑफसेट पार्टनर के लिए अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस का पक्ष लिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे बेबुनियाद करार दे दिया.
इससे पहले अनिल अंबानी ने राफेल जेट सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे यह साबित हो गया कि उनकी कंपनी खिलाफ लगाए गए सभी आरोप राजनीति से प्रेरित और गलत थे.
सौदे की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर दिए अपने फैसले में ने कहा कि फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद के सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है.
राफेल के निर्माता दसाल्ट एविएशन ने ऑफसेट प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड (आरडीएल) के साथ एक समझौता किया था .
अंबानी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘मैं माननीय उच्चतम न्यायालय के राफेल सौदे को लेकर दायर की गई जनहित याचिकाओं को खारिज करने के आज के फैसले का स्वागत करता हूं. इससे यह साबित हो गया कि निजी तौर पर मुझ पर और रिलायंस समूह पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से मिथ्या, बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित थे .’’
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और दसाल्ट एविएशन ऑफ फ्रांस के साथ ऑफसेट समझौते समेत रक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में सरकार की मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया नीतियों के प्रति योगदान देने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं .’’
इस सौदे में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सबसे पहले वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस सौदे की जांच कराने का अनुरोध किया था. इसके बाद सौदे को लेकर एक और वकील विनीत ढांडा और आम आदमी पार्टी के सांसद सिंह ने भी याचिका दायर की थी. इसके बाद बीजेपी के दो पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी के साथ अधिवक्ता प्रशांत ने एक अलग - अलग याचिका दायर की थी.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है.
पीठ ने कहा, ''हमने सौदे की पूरी प्रक्रिया को पढ़ा है, राफेल की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है. कीमत देखना कोर्ट का काम नहीं है. राफेल विमान की गुणवत्ता पर भी कोई सवाल नहीं है. विमान सौदे की निर्णय प्रक्रिया बिलकुल सही.''
इधर राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रहात की सांस लेने वाली मोदी सरकार पर किया और उसे दोबारा सुप्रीम कोर्ट जाने पर मजबुर कर दिया.
राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और इस पर मचे सियासी घमासान के बीच मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची और हलफनामे में तथ्य़ात्मक गलती को माना है. केंद्र सरकार ने याचिका दाखिल कर राफेल डील पर दिये गए फैसले में एक तथ्यात्मक सुधार की मांग की है.
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Published December 16th, 2018 at 10:27 IST
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