Advertisement

Updated September 24th, 2019 at 16:06 IST

मोदी सरकार का बड़ा कदम, 'घाटी में फिर से खुलेंगे मंदिर, सरकार ने शुरू किया सर्वे'

सरकार की तरफ से मंदिरों को खोलने का फैसला घाटी के लिए अपने आप में एक अहम और बड़ा कदम है। 

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
Advertisement

कश्मीर में तीन दशकों से हजारों मंदिर विरान थे। आतंकवाद के नाम पर वहां हिंदुओं के साथ जो हुआ वो तो सब जानते हैं, लेकिन उनके हजारों मंदिर जो इसकी भेंट चढ़ गए। उनकी किसी ने कभी कोई खबर नहीं ली। लेकिन अब सरकार ने भगवान के इन घरों के कपाट खोलने के फैसला लिया है। 

लेकिन कई पाक प्रेमी छाती पीटने लगे कि कश्मीर में सब बंद कर दिया गया। लेकिन कश्मीर में पिछले 30 सालों से हजारों मंदिर बंद पड़े हुए थे पर जनता की आंखों में धूल झोंकने वाले और दशकों से सियासी झूठ का कारोबार करने वाले,  कश्मीरियत की दुहाई देने वाले लोगों की जुबान पर भी इन मंदिरों को लेकर ताले बंद थे।  हिंदुओं को घाटी में कत्ल किया जाता रहा वो चुप रहे। 

मंदिरों को बर्रबाद किया जाता रहा वो चुप रहे वो कश्मीर बंद करने की धमकी तो देते पर कश्मीरी हिंदुओं की भावनाओं पर दशकों से लटके इन तालों पर उनके मुंह से कुछ भी नहीं फूटा, आखिर क्यों? अब जब कश्मीर पूरी तरह से देश का हिस्सा है एक और बड़े कदम का ऐलान सरकार की तरफ से किया गया है। सरकार जम्मू-कश्मीर में वर्षों से बंद 50 हजार मंदिरों को खोलने की तैयारी में है। 

यह भी पढ़ें - प्रधानमंत्री मोदी ने ह्यूस्टन में कश्मीरी पंडितों से मुलाकात की, नया कश्मीर बनाने का किया वादा

सरकार की तरफ से मंदिरों को खोलने का फैसला घाटी के लिए अपने आप में एक अहम और बड़ा कदम है। 

इसकी जानकारी गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक प्रेस वार्ती में दी। उन्होंने कहा कि मंदिर जरूर खोले जाने चाहिये, जम्मू और कश्मीर भारत का राज्य है न की कोई इस्लामिक राज्य। 

रेड्डी ने ये भी बताया कि पिछले कुछ सालों हजारों मेंदिर कुछ नष्ट हो गए और मूर्तियां टूटी हुई हैं। हमने ऐसे मंदिरों के सर्वे का आदेश दिया है।

हैरानी ये है कि ऐसे तमाम मंदिर अलगाववाद की आग में झुलस गए पर किसी ने कुछ नहीं कहा। कश्मीर में पंडितों का नरसंहार किया गया उन्हे भगाया गया और उनक मंदिरों तोड़ दिया गया। जो बच गए वो हमेशा के लिए बंद हो गए एक देश जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं। वहां एक राम मंदिर बनाने को लेकर आंदोलन हुए, दशकों से मामला कोर्ट में है एक ढांचा गिरा तो देश जल गया। लेकिन कश्मीर के इन सुनसान मंदिरों को साथ जो कुछ हुआ उसपर खामोशी बनी रही। सरकारें आती जाती रहीं लेकिन कश्मीर के ये मंदिर वीरान पड़े रहे। आज बरसों बाद सरकार के इस ऐलान से इन मंदिरों को लेकर एक उम्मीद जगी है।

Advertisement

Published September 24th, 2019 at 16:06 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo