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Updated March 26th, 2019 at 10:37 IST

अलगाववादी संगठन हुर्रियत के नेताओं की संपत्ति जब्त कर सकती है मोदी सरकार

अलगाववादियों की कई अचल संपत्तियों को आतंक के वित्तपोषण से जुड़े कई मामलों में कुर्की के लिये सुरक्षा एजेंसियों ने पहचान की है ।

Reported by: Neeraj Chouhan
(Photo: PTI)
(Photo: PTI) | Image:self
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पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान परस्त अलगाववादियों पर पीएम मोदी की स्ट्राइक जारी है, सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने हुर्रियत के नेता की एक लिस्ट बनाई है, और बहुत जल्द हुर्रियत के नेताओं की संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा...माना जा रहा है कि ईडी और आयकर विभाग ने संपत्ति जब्त करने की तैयारी कर ली है। 

वहीं जम्मू कश्मीर स्थित कारोबारी की कम से कम 10 संपत्तियों, हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख शैयद सलाहुद्दीन के इस्लामाबाद स्थित घर और अलगाववादियों की कई अचल संपत्तियों को आतंक के वित्तपोषण से जुड़े कई मामलों में कुर्की के लिये सुरक्षा एजेंसियों ने पहचान की है । अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी । 

आतंक वित्तपोषण के मामले में इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद जहूर अहमद शाह वताली की 10 संपत्तियां और सलाहुद्दीन का पाकिस्तान की राजधानी स्थित आलीशान घर सुरक्षा एजेंसियों की जांच के घेरे में है । इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने की है । 

एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय, राष्ट्रीय जांच एजेंसी और आयकर विभाग जैसी संघीय एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के समक्ष विभिन्न आपराधिक कानूनों के तहत इन संपत्तियों की कुर्की के लिये जल्द ही कदम उठायेंगी । 

वताली की संपत्तियों में उनका श्रीनगर चानपुरा स्थित एक मंजिला मकान, त्रिसन सीटी स्थिति भूमि, श्रीनगर में नारबल, हंदवारा में एक मंजिला मकान, जम्मू में नगरोटा में आठ कनाल भूमि और श्रीनगर जिले में निर्माणाधीन एक नर्सिंग होम शामिल है । 

इस उद्यमी के गुरुग्राम स्थित मकान को पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत कुर्क किया जा चुका है । 

पिछले दिनों अलगाववादी नेता यासिन मलिक संगठन जेकेएलएफ पर पाबंदी लगाई थी । अधिकारियों ने बताया कि संगठन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को कथित तौर पर बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंध लगाया गया ।  आपको बता दें कि JKLF पर आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने का आरोप लगता रहा है । यासीन मलिक पर आरोप है कि 1994 से भारत विरोधी गतिविधियां चलाते थे । वह देश के पासपोर्ट पर पाकिस्तान जाते और वहां पर देश वरिधों गतिविधियों में लिप्त रहते थे ।  

यह जम्मू-कश्मीर में दूसरा संगठन है जिसे इस महीने प्रतिबंधित किया गया है । इससे पहले, केंद्र ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर प्रतिबंध लगा दिया था ।

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Published March 26th, 2019 at 10:25 IST

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