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Updated November 21st, 2018 at 22:53 IST

J&K विधानसभा भंग किए जाने पर बोली महबूबा मुफ्ती - '36 साल के राजनीतिक करियर में इस तरह की स्थिती नहीं देखी'

J&K विधानसभा भंग किए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि , '' एक राजनेता के रूप में मेरे छत्तीस साल पुराने करियर में मैंने ऐसा नहीं देखा है!

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के कुछ ही देर बाद, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार की रात राज्य विधानसभा को भंग कर दी. इसके साथ ही कहा कि जम्मू कश्मीर के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गयी है.


J&K विधानसभा भंग किए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि , '' एक राजनेता के रूप में मैंने अपने 36 साल के राजनीतिक करियर में इस तरह की स्थिती नहीं देखी है !  मैं हमारे सहायता के लिए उमर अब्दुल्ला और अंबिका सोनी जी के प्रति दिल से आभार व्यक्त करना चाहती हूं. ''


महबूबा मुफ्ती ने अगले दूसरे ट्वीट में कहा कि , 'पिछले पांच महीनों से , राजनीतिक उथल पुथल के बावजूद  हमने मांग कि की ख़रीद फरोख को रोकने के लिए विधानसभा तुरंत भंग कर दिया जाए. लेकिन हमारी अपील पर ध्यान नहीं दिया गया. 

 


आखिरी ट्वीट करते हुए महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि टेक्नोलॉजी के युग में यह बहुत अजीब बात है कि गवर्नर के निवास पर फैक्स मशीन को हमारे फैक्स नहीं मिले. लेकिन विधानसभा भंग के संबंध में सूचना तेजी से जारी किया गया. 


विधानसभा भंग करने के राज्यपाल के फैसले के बाद उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि, "नेशनल कॉन्फ्रेंस पिछले पांच महीने से विधानसभा भंग करने की मांग कर रहा था. यह कोई संयोग नहीं हो सकता है कि पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के सरकार बनाने के दावे के मिनटों बाद ही राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने का फैसला किया हो."

बता दें कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने धारा 53 के तहत विधानसभा भंग करने का आदेश दिया. इससे पहले पीडीपी ने एनसी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसके साथ ही पीडीपी में बगावत की खबरें भी सामने आई है. कुछ विधायकों ने गठबंधन सरकार बनाने का विरोध किया. 

इससे कुछ ही समय पहले जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस के समर्थन से जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश किया था. 

विधानसभा भंग होने के साथ ही पीडीपी नेता इमरान रजा अंसारी ने पार्टी छोड़ने कर सज्जान लोन की पार्टी पीपल्स कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा, "उमर और मुफ्ती को वो मिल गया जो वो चाहते थे. वे विधानसभा को भंग करना चाहते थे क्योंकि उन्हें पता था कि वे इसे संभाल नहीं सकेंगे. आज से आप मुझे पीपल्स कॉन्फ्रेंस का हिस्सा मानें." उन्होंने कहा, "जब महबूबा ने पीडीपी के 29 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया तब पार्टी के 11 विधायक मेरे साथ थे. सज्जाद लोन के पास 48 विधायकों का समर्थन है."
 

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Published November 21st, 2018 at 22:53 IST

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