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Updated March 15th, 2019 at 16:25 IST

Lok Sabha 2019 | चुनाव नहीं लड़ेंगी BSP सुप्रीमो मायावती, लेकिन मुलायम सिंह के लिए करेंगी प्रचार- सूत्र

वहीं दूसरी ओर  सपा-बीएसपी गठबंधन ने अपने परंपरागत वोटों को एकजुट रखने के लिये तैयारियों पर अमल शुरू कर दिया है

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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कभी एक दूसरे की धुर विरोधी रही समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनावों में गठबंधन के बाद मतदाताओं को यह संदेश देने के लिये जमीनी स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं कि दोनों दल अब एक हैं और कार्यकर्ता दोनों दलों के प्रत्याशियों को जिताने के लिये कमर कस लें। यहीं नहीं 1993 का गेस्ट हाउस कांड के बाद एक दूसरे के दुश्मन बनें मुलायम सिंह और मायावती की नफरत की दिवार अब ढहती हुई नजर आ रही है। 

दरअसल खबरों के अनुसार मायावती ने यह ऐलान किया है कि वो लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह के लिए मैनपुरी में प्रचार करेंगी। बता दें, इस बार मुलायम सिहं मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं। 

जिसके बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में ये चर्चा जोरों शोरों से हैं कि क्या मायावती 1993 का गेस्ट हाउस कांड को पीछे छोड़ किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को हराना चाहती है। 


वहीं दूसरी ओर  सपा-बीएसपी गठबंधन ने अपने परंपरागत वोटों को एकजुट रखने के लिये तैयारियों पर अमल शुरू कर दिया है जिसके तहत जल्द ही पार्टी नेताओं को प्रत्येक लोकसभा सीट की अलग अलग जिम्मेदारी सौंप दी जायेगी।


सपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने बृहस्पतिवार को बताया,'प्रदेश में लोकसभा चुनावों में बूथ स्तर पर प्रबंधन की तैयारी आरंभ हो गयी है। दोनों दल समन्वय करेंगे ताकि कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाये कि दोनों दल एक हैं। जिस लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है वहां विधानसभा स्तर पर चुनाव प्रबंधन का जिम्मा स्थानीय बीएसपी नेताओं के हाथ में होगा और जहां बीएसपी प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है वहां की पूरी जिम्मेदारी सपा नेताओं पर होगी ताकि सपा और बीएसपी दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाए कि दोनों दल एक हैं।"


गठबंधन के दोनो नेताओं अखिलेश यादव और मायावती की संयुक्त जनसभायें इस माह के अंतिम सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। दोनों दलों की प्रचार सामग्री (झंडा, बैनर और पोस्टर) में भी दोनों नेताओं की फोटो और चुनाव चिन्ह (साईकिल और हाथी) साथ-साथ रखे जा रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को भी निर्देश दिये गये हैं कि वह प्रचार सामग्री में दोनों नेताओं की फोटो और चुनाव चिन्ह रखें।

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Published March 15th, 2019 at 16:25 IST

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