Updated June 15th, 2023 at 15:11 IST
धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर भड़के मौलाना- 'नेक नियत से नहीं कही जा रही अलीगढ़ का नाम बदलने की बात'
मौलाना मुफ्ती जाहिद ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर कहा कि सियासत को धर्म में मिलाना गलत है।
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Bageshwar Dham on Aligarh: बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों को लेकर खूब चर्चा में रहते हैं। बागेश्वर सरकार के विरोधी उनके खिलाफ लगातार जहर उगलते रहते हैं। हाल ही पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ रखने की मांग की थी। अब इस पर सियासत शुरू हो गई है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के रिटायर प्रोफेसर और मौलाना मुफ्ती जाहिद ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर हमला बोला है। मौलाना जाहिद ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री का बयान नासमझी वाला है। इस बयान से दिलों में नफरत भरेगी। धर्म में सियासत को नहीं मिलाना चाहिए।
सीएम नहीं बदलना चाहते नाम- मौलाना
मौलाना मुफ्ती जाहिद ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर कहा कि सियासत को धर्म में मिलाना गलत है। मौलाना ने कहा कि अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने वाला धीरेंद्र शास्त्री का बयान नासमझी वाला है। ऐसे बयानों से दिलों में नफरत पैदा होती है।
मौलाना ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अलीगढ़ का नाम नहीं बदलना चाहते हैं। इस जिले का नाम हजरत अली के नाम पर रखा गया है। सीएम ये नाम नहीं बदलना चाहते हैं। ये अच्छी बात है।
मौलाना ने बताया कि सल्तनत और मुगल पीरियड में इसका नाम कोल रहा है। उन्होंने कहा कि कोल नाम खत्म नहीं हुआ है। आज भी अलीगढ़ जिले में कोल नाम से विधानसभा है। अंग्रेजों ने इसका नाम अलीगढ़ नाम रखा था। इससे पहले अकराबाद , जलाली के नाम से ये जिला जाना जाता था। 1903 में इससे बुलंदशहर अलग हुआ।
उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान केवल फूट पैदा करना और दूरी पैदा करने के लिए होते हैं। उन्होंने कहा एक छोटा सा तबका धर्म के नाम पर सियासत करता है। देश में गरीबी बेरोजगारी है। इस पर राजनीति नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज कामयाब नहीं होते अगर हमारे अंदर फूट नहीं होती। इससे देश में नफरत पैदा होगी। ऐसे देश में मोहब्बत पैदा नहीं हो रही है।
देश पर सबका हक है- मौलाना मुफ्ती
AMU के रिटायर प्रोफेसर मौलाना मुफ्ती जाहिद ने कहा कि जो घर में सियासत मिलाते हैं या सियासत में धर्म मिलाते हैं। धर्म का मतलब है इंसान को इंसान बनाना। उसके अंदर इंसानियत , दर्द पैदा करना। उसमें सियासत, ऊंच-नीच, भेदभाव, देश को तोड़ने का भाव नहीं पैदा करना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान नासमझी और देश में फूट पैदा करने वाला है।
उन्होंने कहा कि अगर नाम बदलने का मकसद नेक होता, तो नाम बदलने का कोई मतलब नहीं है। लेकिन जिस नियत से नाम बदलने की बात कही जा रही है। वह सोच समझ के बात नहीं कही गई है। उन्होंने कहा कि इस देश पर सबका हक रहा है। चाहे वह हिंदू हो मुसलमान उससे कोई सा भी हो । उन्होंने कहा कि किसी के साथ भेदभाव नहीं करने वाला सिस्टम हमारे देश में है।
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Published June 15th, 2023 at 15:07 IST
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