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Updated January 6th, 2022 at 18:25 IST

भारत के पहले CDS को श्रद्धांजलि; जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा गया मैनपुरी सैनिक स्कूल का नाम

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कू करते हुए लिखा कि मैनपुरी जिले में स्थित सैनिक स्कूल का नाम 'जनरल बिपिन रावत सैनिक स्कूल' रखा गया है।

Reported by: Munna Kumar
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Mainpuri Sainik School renamed: सीडीएस जनरल बिपिन रावत के बलिदान का सम्मान करने के लिए मैनपुरी के सैनिक स्कूल का नाम उनके नाम पर रखा गया है। बताते हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूल का नाम बदलने के संबंध में निर्देश दिए थे।

योगी आदित्यनाथ ने कू (KOO) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, "मां भारती के अमर सपूत, भारत के प्रथम CDS जनरल बिपिन रावत जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जनपद मैनपुरी स्थित सैनिक स्कूल का नाम 'जनरल बिपिन रावत सैनिक स्कूल' किया गया है।"

IAF हेलिकॉप्टर क्रैश
एक दुखद घटना में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और सुलूर एयर फोर्स बेस से वेलिंगटन के लिए उड़ान भरने वाला एक Mi5V17 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें जनरल बिपिन रावत सहित 11 लोगों की मौत हो गई थी।

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दुर्घटना में मारे गए अन्य लोगों में जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर लखबिंदर सिंह लिद्दर, स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वाड्रन लीडर के सिंह, जेडब्ल्यूओ दास, जूनियर वारंट अधिकारी प्रदीप ए, हवलदार सतपाल, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक साईं तेजा थे।

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अभी एक दिन पहले ही हादसे के करणों को लेकर जांच दल ने रक्षा मंत्री को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि हेलिकॉप्टर धुंध और लो विजिबिलिटी के कारण हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। 

रिपोर्ट के अनुसार Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर पहाड़ियों में एक रेलवे लाइन का पीछा करने के दौरान घने बादलों से घिर गया। जांच में निष्कर्ष निकाला गया कि पायलटों ने जमीन के बजाय बादल के कोहरे से बाहर निकलने का फैसला किया, क्योंकि हेलिकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था। इसी बीच हेलिकॉप्टर एक चट्टान से टकरा गया। इसके अलावा, सूत्रों ने खुलासा किया कि ग्राउंड स्टेशनों पर कोई संकट कॉल नहीं किया गया था, क्योंकि पूरे चालक दल को भरोसा था कि वे लैंडिंग कराने में सफल हो जाएंगे। 

सूत्रों ने कहा कि चालक दल में 'मास्टर ग्रीन' पायलट शामिल थे, इसका मतलब यह है कि वे तीनों बलों के ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर बेड़े में सर्वश्रेष्ठ थे, जो किसी भी परिस्थिति में सॉफ्ट लैन्डिंग करवा सकते थे। 

रिपोर्ट में, त्रि-सेवा जांच ने वीआईपी को ले जाने वाले हेलिकॉप्टरों के संचालन के दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं को संशोधित करने के लिए कुछ सिफारिशें भी की है। 

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Published January 6th, 2022 at 18:24 IST

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