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Updated May 2nd, 2021 at 19:30 IST

पश्चिम बंगाल में ममता का डंका, असम में खिला कमल; तमिलनाडु में DMK तो केरल में LDF की जीत

दरअसल 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश चुनावी नतीजों का आना जारी है और कहीं खुशी कहीं गम का माहौल है।

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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पांचों राज्यों में वोटों की गिनती के बाद तस्वीर पूरी तरफ साफ हो गई है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी को हराकर टीएमसी ने जीत की हैट्रिक लगाई है। तो असम में बीजेपी की दोबारा वापसी हो गई है। वहीं केरल में लेफ्ट ने तो इतिहास ही रच दिया। करीब 40 साल बाद केरल में कोई राजनीतिक दल सत्ता में वापसी करने में सफल रहा है। पी विजयन के नेतृत्व में एलडीएफ ने जबरदस्त वापसी की है। पुडुचेरी में एनडीए गठबंधन जीत रहा है। तो तमिलनाडु में डीएमके ने जीत का परचम लहराया है।    

दरअसल 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश चुनावी नतीजों का आना जारी है और कहीं खुशी कहीं गम का माहौल है। एक तरफ बंगाल में सबसे कठिन लड़ाई लड़ रही ममता के हिस्से जीत आई तो तमिलनाडु में सत्ता की हैट्रिक लगाने की उम्मीद कर रही। एआईएडीएमके के हिस्से हार। चुनाव नतीजों के अभी तक तक के रुझान तो यही कहानी बयां कर रहे हैं । ममता के लिए बंगाल की जंग कितनी मुश्किल थी वो उनके चुनावी भाषणों और कार्यक्रमों से लगाया जा सकता है। तो वहीं बीजेपी ने भी बंगाल में अपने हर सियासी सूरमा को उतार रखा था, लेकिन अंत में बंगाल में दीदी सत्ता में तीसरी बार वापसी करने में सफल दिख रही है। 

लेकिन तमिलनाडु में ऐसा नहीं हो पाया, जयललिता के निधन के बाद के पहले चुनाव में एआईएडीएमके को वैसे नतीजे नहीं मिले जिसकी उसे उम्मीद थी और इसी के साथ डीएमके के नेता स्टालिन तमिलनाडु में सत्ता हासिल करते दिख रहे हैं । 


बंगाल में बीजेपी हार के बाद थोड़ी निराश जरूर होगी, लेकिन असम में बीजेपी ने सत्ता में वापसी करने में सफलता हासिल की। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में बीजेपी एक बार फिर सरकार बनती दिख रही है। वहीं केरल में लेफ्ट ने तो इतिहास ही रच दिया। करीब 40 साल बाद केरल में कोई राजनीतिक दल सत्ता में वापसी करने में सफल रहा है। पी विजयन के नेतृत्व में लेफ्ट फ्रंट केरल में जबरदस्त वापसी करती दिख रही है। वहीं केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में भी सत्ता परिवर्तन होता दिख रहा है। कुल मिलाकर अगर पूरे नतीजों के देखा जाए तो जहां पूर्व में जनता सत्ता के साथ दिखी तो वहीं दक्षिण में एक तरफ बदलाव की बयार दिखी तो दूसरी तरफ इतिहास बना ।

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Published May 2nd, 2021 at 18:59 IST

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