Updated July 27th, 2019 at 18:02 IST
महबूबा मुफ्ती का विवादित बयान, 'कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा है, मिलिट्री से नहीं निकल सकता समाधान'
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा ने कहा कि केंद्र को अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरुस्त करना होगा।
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की अतिरिक्त 100 कंपनियों को तैनात करने के केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुये शनिवार को कहा कि यह एक ‘‘राजनीतिक समस्या’’ है, जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा ने कहा कि केंद्र को अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरुस्त करना होगा।
महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘घाटी में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरूस्त करने की जरूरत है।’’
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को सीएपीएफ की अतिरिक्त 100 कंपनियों को तैनात करने का आदेश दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल द्वारा कश्मीर घाटी में हुई उच्च स्तरीय बैठक के ठीक बाद लिए गए एक बड़े फैसले में केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में सुरक्षा के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां भेजने का निर्णय किया है।
गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू-कश्मीर पुलिस के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव और गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में आतंक विरोधी दस्ते को मजबूत करने और कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जम्मू कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजी जा रही है जिनमें सीआरपीएफ की 50 कंपनियां बीएसएफ की 10 कंपनियां, आईटीबीपी की 10 और सीमा सुरक्षा बल की 30 कंपनियां शामिल हैं।
इससे पहले भी इस साल की शुरुआत में अनुच्छेद 35ए की सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियां भेजी थी जिसमें सीआरपीएफ की 45 बीएसएफ की 35 सीमा सुरक्षा बल की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल थी। बता दें कि अमरनाथ यात्रा को लेकर पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं और पिछले साल जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव के दौरान भेजी गई सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियां भी तैनात हैं।
(इनपुट - भाषा से भी)
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Published July 27th, 2019 at 18:02 IST
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