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Updated February 26th, 2019 at 20:55 IST

पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के लिए काल बना लेजर गाइडेड बम, जाने क्या है ये

लेजर गाइडेड बमों का प्रयोग बहुत सीमित क्षेत्र को नष्ट करने के लिए किया जाता है। इस तरह के हमलों में फ़ाइटर जेट से निर्धारित अपने लक्ष्य को पहचान करता है।

Reported by: Amit Bajpayee
प्रतिकात्म तस्वीर
प्रतिकात्म तस्वीर | Image:self
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पुलवामा में हुए आतंकी हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर जैश ए मुहम्‍मद के ठिकानों को तबाह कर दी । इस बार तो पाकिस्तान ने भी माना है कि भारत के विमानों ने गुलाम कश्मीर में बम बरसाए हैं । पहले से निर्धारित लक्ष्यों पर सटीक प्रहार करने के लिए वायुसेना ने लेजर गाइडेड बमों का इस्तेमाल किया । सूत्रों के बताया कि वायुसेना ने पाक पर एयर स्ट्राइक के लिए फ्रांस निर्मित एक - एक हजार किलोग्राम माटरा बम का भी  इस्तेमाल किया । 

बता दें मुश्किल लक्ष्यों पर एकदम सटीक प्रहार करने के लिए इस तरह के बमों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा लेजर गाइडेड बम की खास बात यह है कि लक्ष्य के अलावा नजदीक की किसी बिल्डिंग तक को यह बम नुकसान नहीं पहुंचाता हैं। यानी लेजर गाइडेड बम सिर्फ टारगेट को ही ध्वस्त करते हैं।  


लेजर गाइडेड बमों का प्रयोग बहुत सीमित क्षेत्र को नष्ट करने के लिए किया जाता है। इस तरह के हमलों में फ़ाइटर जेट से निर्धारित अपने लक्ष्य को पहचान करता है। इसके बाद उस लक्ष्य पर लेजर बीम छोड़ता है, फिर गाइडेड बम इस बीम का पीछा करते हुए लक्ष्य को भेदता है। इस तरह के हमलों में निशाना चूकने की संभावना बहुत कम रहती है।

मिराज 2000 का कमाल 

इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल मिराज- 2000 डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट यानी लड़ाकू विमान है यानि अंदर तक घुसकर मार करने वाला विमान । ये भीतर तक जाकर टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता रखता है।  यह एयर टू सर्फेस मिसाइल कैरी कर सकता है।  वह मिसाइल जो हवा से जमीन पर मार कर सकती है।  मिराज में 9 हार्ड पॉइंट होते हैं यानी यह 9 पॉइंट्स पर हथियार ले जा सकता है। इसको रडार भी आसानी से पकड़ नही सकता है ।  80 के दशक का मिराज- 2000 इंडियन एयरफोर्स बेड़े में शामिल सबसे अच्छा लड़ाकू विमान है।  मिराज भी उसी दसॉ एविएशन का बनाया है जो रफाल फाइटर एयरक्राफ्ट बना रहा है।  मिराज इंडियन एयरफोर्स के अलावा फ्रांस, यूएई और चीन के एयरफोर्स बेड़े में भी शामिल है।   

मिराज एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म है। इस कार्रवाई में अकेले मिराज ने हिस्सा नही लिया था बल्कि डीआरडीओ के बनाये गये मिनी अवाक्स भी था जो करीब 200 किलोमीटर दूर तक हर हरकत पर नज़र रख सकता है। साथ में हवा में ईंधन भरने वाला एयर टू एयर रीफ्यूल भी था । करगिल युद्ध के समय भी मिराज ने बिना एलओसी क्रॉस किए पाकिस्तानी में मौजूद आतंकी कैंपों को तबाह किया था।  एक और खास बात करगिल जंग के दौरान जो मिग -21 के कमांडिंग ऑफिसर थे वो आज वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोवा है । इन्होंने उस वक़्त मिग -21 से पाक घुसपैठियों को निशाना बनाया था।

बता दें, ऑपरेशन  के बाद पीएम ने आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में NSA अजीत डोभाल, गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ-साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं। एनएसए ने इस बैठक में ऑपरेशन को 100 प्रतिशत सफल बताया है।
 

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Published February 26th, 2019 at 15:09 IST

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