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Updated January 17th, 2019 at 18:53 IST

पत्रकार रामचंद्र की हत्या मामले में बलात्कारी बाबा राम रहीम समेत चारों दोषियों को उम्रकैद

मरते दम तक जेल में बंद रहेगा बलात्कारी बाबा राम रहीम .

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम समेत चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई . सीबीआई अदालत के  विशेष जज जगदीप सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनाते हुए कहा कि उम्रकैद की सजा दुष्कर्म मामले में दी गई 20 साल की सजा पूरी होने के बाद शुरू होगी . यानी 70 साल के बाद शुरु होगी उम्रकैद की सजा. 

बात दें सीबीआई ने राम रहीम को फांसी की सजा देने की मांग की थी . कोर्ट ने सारी दलिले सुनने के बाद उम्र कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने बीते शुक्रवार को राम रहीम, निर्मल, कुलदीप और किशन लाल को दोषी करार दिया था .  राम रहीम इस वक्त दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है . आज सभी दोषियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी होगी.

इधर अधिकारियों ने बताया कि पंचकूला, सिरसा और हरियाणा के अन्य हिस्सों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सिरसा में डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है.

51 वर्षीय राम रहीम अपनी दो अनुयायियों के बलात्कार के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल कारावास की सजा काट रहा है. उनके तीन अन्य दोषी कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल अम्बाला जेल में बंद हैं.

क्या है मामला 

बता दें पत्रकार राम चंद्र छत्रपति ने राम रहीम का सच पूरी दुनिया के सामने सबसे पहले लाया था. उन्होंने सिरसा में दो साध्वियों के साथ हुए रेप की खबर को प्रमुखता से  'पूरा सच' अखबार में छापा था. इस खबर के प्रकाशित होने के बाद राम रहीम के लोग पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को आए दिन धमकियां देते थे. इसके बावजूद पत्रकार राम चंद्र छत्रपति निर्भीक होकर राम रहीम के खिलाफ लिखते रहे.

राम चंद्र छत्रपति सिरसा में 'पूरा सच' नाम का अखबार निकालते थे. पहली बार डेरे के खिलाफ खबर छापने की हिम्मत निर्भीक होकर पत्रकार चामर्चंद्र छत्रपति ने दिखाई थी. 

13 मई 2002 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी को लिखी गई एक चिट्ठी में साध्वी ने राम रहीम पर डेरे में साध्वियों से यौन शोषन का आरोप लगाया था. इस चिट्ठी को पंजाब - हरियाणा हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस के पास भी भेजा गया. चिट्ठी की कुछ प्रतियां लोगों में भी  बांटी गई. जिसके बाद इस चिट्ठी को राम चंद्र छत्रपति ने अपने अखबार 'पूरा सच' में प्रमुखता से छापा था 

इसके बाद पत्रकार छत्रपति को धमकियां दी गई. इसकी शिकायत उन्होंने एसएसपी सिरसा की . इस बीच डेरा में एक मैनेजर रंजित सिंह की हत्या हो गई. रंजित सिंह की बहन भी डेरे में साध्वी थी और उसने भी यौन शोषण का आरोप लगाया था. रंजित और उनकी बहन की खबर भी रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में प्रमुखता से छापी थी. जिसको संज्ञान में लेते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया.

सीबीआई जांच के आदेश के कुछ दिनों बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई. छत्रपति को घर के बाहर दो शूटर्स ने 5 गोलियां मारी थी. छत्रपति को पीजीआई रोहतक में भर्ती करवाया गया था जहां उन्होंने 21 नवंबर  2002 को दम तोड़ दिया. 

पुलिस ने गहन छानबीन के बाद गोली चलाने वाले शूटर को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो डेरे के एक साधु है. जिस रिवाल्वर से गोली मारी गई वो डेरे के एक मैनेजर की लाइंसेंसी रिवाल्वर थी. पुलिस को उसके पास से एक वॉकी टॉकी भी मिला जो डेरे के नाम पर रजिस्टर्ड था. 

गिरफ्तार शूटर के निशानदेही पर डेरे का दूसरा साधु भी गिरफ्तार हुआ. जिसके बाद आज पंचकुल की सीबाईआई कोर्ट में रेपिस्ट गुरमीत राम रहिम ने किशन लाल , निर्मल और कुलदीप के साथ मिलकर साजिश रचकर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या कराने का आरोप चल रहा था. आज  पत्रकार के परिवार को न्याय देते हुए कोर्ट ने मुख्य आरोपी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित चारों आरोपियों को दोषी करार दिया है.  
 

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Published January 17th, 2019 at 18:53 IST

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