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Updated June 18th, 2019 at 13:54 IST

JDU सांसद दिनेश चंद्र का अनाप शनाप बयान, कहा- "बारिश होगी तो सब ठीक हो जाएगा"

बिहार में जानलेवा बीमारी इंसेफ्लाइटिस से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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बिहार में जानलेवा बीमारी इंसेफ्लाइटिस से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और ऊपर से पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला काम नेताओं के बयानों ने कर दिया। एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) और जापानी इंसेफलाइटिस (JE) को बिहार में 'चमकी' बुखार के नाम से जाना जाता है। लेकिन अब सत्ताधारी पार्टी के सांसद जनलेवा बिमारी से निदान के लिए बारिश के आने का इंतजार करने को बोल रहे हैं।

सांसद दिनेश चंद्र यादव ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को बारिश से जोड़ते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना (एईएस के कारण 108 बच्चों की मौत) दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि कई सालों से जब भी गर्मी का मौसम आता है, बच्चे बीमार पड़ जाते हैं और मौतों की संख्या बड़ी हो जाती है। ऐसा होता है, सरकार भी व्यवस्था करती है। बारिश शुरू होते ही यह बंद हो जाएगा।

वहीं  बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को तो बच्चों की मौत से ज्यादा क्रिकेट मैच में दिलचस्पी है। बच्चों की मौत पर जनाब प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे थे। सरकार की जवाबदेही को लेकर संजीदा सवाल हो रहे थे। लेकिन मंत्रीजी का दिमाग तो कहीं और था। सवाल ज्यादा हो रहे थे। वक्त ज्यादा लग रहा था। ऐसे में जब मंगल पांडे से रहा नहीं गया तो पूछ ही डाला कि क्या कोई यहां क्रिकेट प्रेमी है जो मुझे अभी का स्कोर बता सके। जिसके बाद मंत्री की इस संवेदनहीनता की तीखी आलोचना हुई।

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लेकिन अब बिहार की सत्ताधारी पार्टी से वास्ता रखने वाले जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत-पाक मैचों के दौरान, लोगों के दिल में राष्ट्रवाद होता है।  वे चाहते हैं कि भारत जीत जाए। मंत्री ने  बैठक में सब कुछ गंभीरता से किया और सिर्फ बीच में क्रिकेट का स्कोर पूछा। 

सांसद ने आगे विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा उनके आरोपों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। 

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यहीं नहीं सांसद ने आगे बीमारी को बारिश से जोड़ते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना (एईएस के कारण 108 बच्चों की मौत) दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि कई सालों से जब भी गर्मी का मौसम आता है, बच्चे बीमार पड़ जाते हैं और मौतों की संख्या बड़ी हो जाती है। ऐसा होता है, सरकार भी व्यवस्था करती है। बारिश शुरू होते ही यह बंद हो जाएगा।

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Published June 18th, 2019 at 13:49 IST

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