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Updated April 14th, 2021 at 22:19 IST

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच जयपुर के अस्पताल से चोरी हुई वैक्सीन, FIR दर्ज

जयपुर के अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा है ,अस्पताल प्रशासन की ये सबसे बड़े चूक सामने आई है। आखिर वैक्सीन के 320 डोज़ किसने चोरी किए और क्यों?

Reported by: Digital Desk
प्रतीकात्मक तस्वीर/PTI
प्रतीकात्मक तस्वीर/PTI | Image:self
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देश में एक ओर जहां कोरोना का मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।  बढ़ती महामारी ज़िंदगियां निगल रही है, फिर ऊपर से वैक्सीन की कमी का डर लोगों की हर पल सांसे थाम रहा है। इस बीच कोरोना महामारी के बीच राजस्थान के जयपुर से चौंकाने वाला मामला सामने आया, वैक्सीन की जो डोज़ 160 लोगों की जिंदगियां बचा सकती थीं, उन पर किसी हाथ साफ कर लिया। जो बेहद चौंकाने वाला है। क्योंकि अभी तक तो सिर्फ कीमती हीरे, जेवरात और नकदी की चोरी की ही खबरें आती थीं। लेकिन पहली बार वैक्सीन की 320 फाइल चोरी हो गई। ये पहला मामला जयपुर के कावंटिया अस्पताल से जुड़ा हुआ है।

दरअसल, जयपुर के अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा है ,अस्पताल प्रशासन की ये सबसे बड़े चूक सामने आई है। आखिर वैक्सीन के 320 डोज़ किसने चोरी किए और क्यों , वैक्सीन की देश में ये सबसे बड़ी बर्बादी है, इस मामले में FIR दर्ज कर ली गई है , जल्द ही वैक्सीन चोर कब्ज़े में होगा।

बता दें, अगर वैक्सीन को चोरी करने वाले लोग इसे ब्लैक मार्केट में बेचते हैं। तो भी उन्हें या फिर ज्यादा पैसे देकर टीके लगवाने वालों को कोई खास फायदा नहीं होगा। क्योंकि चोरी वाली वैक्सीन का फायदा नहीं। हर व्यक्ति को अभी वैक्सीन के 2 डोज़ लगते हैं। तब जाकर वैक्सीन रूटीन पूरा होता है। दरअसल पहला डोज़ लेने के बाद 28 दिन बाद दूसरा डोज़ दिया जाता है। इस दौरान वैक्सीन के रख-रखाव को लेकर एक प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। जिसमें तापमान मेंटेन करने की प्रक्रिया भी शामिल होती है। लेकिन ऐसा अस्पताल से चोरी की गई वैक्सीन के साथ संभव नहीं होगा। और तापमान मेंटेन नहीं होने की वजह से वैक्सीन की 320 डोज के खराब होने का खतरा है। 

अगर चोर इन वैक्सीन को ब्लैक मार्केट में बेचने में कामयाब भी हो गए। तब जो शख्स इस वैक्सीन को लगवाएगा, तो सरकारी प्रक्रिया की तरह उसकी जानकारी को रिकॉर्ड के तौर पर सहेजा नहीं जाएगा। मतलब सरकारी एजेंसियों को उस शख्स के बार में कोई जानकारी नहीं होगी। जबकि रजिस्टर्ड सेंटरों के माध्यम से ही ऐसा करने पड़ सरकारी एजेंसियों को वैक्सीन लगाने वालों के बारे में पूरी जानकारी होती है।

इसके अलावा अगर 320 लोगों को एक ही डोज लगाती है। तो उनकी दूसरी डोज नहीं लग पाएगी। क्योंकि कोई संस्था, निजी अस्पताल या फिर सरकारी एजेंसियां अलग से दूसरी डोज नहीं लगाएंगी। जिसकी वजह से उस शख्स का वैक्सीन रूटीन पूरा नहीं पाएगा।

हालांकि वैक्सीन की किल्लत और चोरी की खबरों के बावजूद लोग संभलने के लिए तैयार नहीं है। मास्क पहनने से अब भी परहेज कर रहे हैं। और अपनी इस लापरवाही की वजह से मौत को न्यौता दे रहे हैं। 

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Published April 14th, 2021 at 22:19 IST

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