Updated December 3rd, 2018 at 13:31 IST
मुसलमानों की 'बढ़ती' आबादी पर बोली शिवसेना, 'हम पांच- हमारे 25 जैसी मनमानी बंद कीजिए'
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए 'मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या' को रोकने के लिए सख्ती से परिवार नियोजन करने की मांग उठाई है
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देश में लोगों की तेजी से बढ़ती जनसख्ंया चिंता का सबब जरूर है लेकिन इसे किसी खास समुदाय से जोड़ कर देखना कही से न्यायोचित नहीं है. दरअसल अक्सर विवादित मुद्दों पर बेवाक राय रखने वाली शिवसेना ने एक बार फिर देश में 'मुसलमानों की बढ़ती'जनसंख्या की तुलना बुलेट ट्रेन की गति से कर दी.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए 'मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या' को रोकने के लिए सख्ती से परिवार नियोजन करने की मांग उठाई है. उन्होंने आगे लिखा कि सामन नागरिक कानून लाकर 'हम पांच - हमारे पच्चीस जैसे मनमानी' को बंद किए बिना मुसलमानों की जनसख्ंया पर लगाम नहीं लगाई जा सकती. अगर मुसलमानों की बढ़ती जनसख्ंया का जवाब देना होगा तो हिंदुओं को भी हम दो हमारे दो का विचार छोड़कर मुसलमानों की तरह अधिक से अधिक बच्चों को जवाब देना होगा. ऐसा कुछ दिव्य विचार हिंदुत्वादी लोग भेल ही रख रहे हो लेकिन वो गलत है.
उन्होंने आगे देश के विभाजन के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस बढ़ती हुई मुस्लिम आबादी के चलते एक बार देश का विभाजन हुआ और वही देश में अशांति और अस्थिरता निर्माण करती रहती है. एक बार फिर नया चिंताजनक मामला सामने आया है. हिंदुस्तान- पाकिस्तान की सीमा पर राजस्थान में 'मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या' यानि बुलेट ट्रेन की गति से बढ़ने पर बीएसएफ( सीमा सुरक्षा बल) ने 'चिंता जताई' है.
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शिवसेना ने अपने लेख में आगे दावा किया कि बीएसएफ ने यह रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को 'भेजकर कठोर उपाय' किए जाने की मांग की है. यह एक पूरी तरह से 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सावधानी भारी चेतावनी' है. इस इलाके में राजस्थानी संस्कृति की निशानी 'नष्ट' होती जा रही हैं और इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के देवबंद के मौलानाओं का दौरा बढ़ गया है. ऐसा भी 'बीएसएफ की रिपोर्ट' में कहा गया है.
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं जब शिवसेना ने सामना के जरिए ऐसे विवादित मुद्दों पर लिखा हो. इससे पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर मोदी सरकार की आलोचना भी की थी.
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Published December 3rd, 2018 at 13:09 IST
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