Updated March 14th, 2019 at 16:32 IST
करतारपुर कॉरीडोर पर आज भारत-पाक के बीच बैठक, यहां देखें पल-पल का अपडेट LIVE
करतारपुर गलियारे के काम को अंतिम रूप देने के लिए पहली बार दोनों देशों के अधिकारी बातचीत करेंगे। इस दौरान कई अहम मसौदों पर चर्चा होगी।
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- भारत- पाकिस्तान का सयुंक्त बयान- 'करतारपुर गलियारे पर बातचीत रही सकारात्मक'
करतारपुर कॉरीडोर पर आज भारत और पाकिस्तान के बीच बैठक होगी। ठीक एक महीने पहले पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे, अब फिर से दोनों के बीच बात हो रही है।
तय कार्यक्रम के मुताबिक भारत-पाक के अधिकारी अमृतसर के पास अटारी में मिलेंगे। करतारपुर गलियारे के काम को अंतिम रूप देने के लिए पहली बार दोनों देशों के अधिकारी बातचीत करेंगे। इस दौरान कई अहम मसौदों पर चर्चा होगी।
माना जा रहा कि इस कॉरिडोर के जरिए श्रद्धालुओं को बिना वीजा के यात्रा करने पर समझौता किया सकता है। बैठक में खालिस्तानी अलगवादियों का मुद्दे पर भी बात हो सकती है। पाकिस्तान पर भारत का आरोप है कि वो अंदरुनी तौर पर खालिस्तान समर्थकों को संरक्षण दे रहा है।
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करतारपुर कॉरिडोर के खुल जाने से श्रद्धालु श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के समय पाकिस्तान में ऐतिहासिक गुरुद्वारे जा सकेंगे। इस बैठक में आज भारत-पाक अधिकारी मुलाकात करेंगे। और पाक डेलिगेशन भारत आएगा।
क्या है करतारपुर कॉरिडोर?
- पाक के नारोवाल जिले में करतारपुर साहिब
- सिख समुदाय के लिए आस्था का केंद्र
- गुरू नानक ने जिंदगी के 18 साल यहां गुजारे
- करतारपुर साहिब को पहला गुरुद्वारा माना जाता है
- इस गुरुद्वारे की नींव गुरू नानक देव ने रखी थी
- बंटवारे के वक्त ये गुरुद्वारा पाकिस्तान में चला गया
- गुरुद्वारे में दर्शन के लिए वीजा की जरुरत होती थी
- कॉरिडोर खुलने पर बिना वीजा के दर्शन संभव
दरअसल केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बताया था कि गुरुदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से करतारपुर साहिब तक एक भव्य कॉरिडोर का निर्माण होगा। जो आधुनिक सुविधाओं से पूरी तरह लैस रहेगा। 3 से 4 किलोमीटर तक के कॉरिडोर का निर्माण एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तर्ज पर होगा।
गौरतलब है, गलियारे के निर्माण का फैसला 22 नवंबर को कैबिनेट की बैठक में लिया गया था। फैसले के मुताबिक गलियारे का निर्माण गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक किया जाएगा। करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब में नरोवाल जिले के शकरगढ़ में स्थित है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव ने अपने जीवन के 18 वर्ष यहां बिताए थे।
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Published March 14th, 2019 at 11:22 IST
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