Updated July 31st, 2021 at 22:14 IST
भारत-अफगान संबंधों को मजबूती के लिए होगा 'सांस्कृतिक सप्ताह' का आयोजन, दिखेगा भारत का सॉफ्ट पावर
भारत और अफगानिस्तान ने 2-5 सितंबर के बीच एक द्विपक्षीय 'सांस्कृतिक सप्ताह' आयोजित करने का फैसला किया है।
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भारत सरकार अपने पड़ोसी देशों के साथ सम्बन्ध को बेहतर करने के लिए हमेशा ही आगे बढ़कर पहल करती रही है। विदेश मत्रांलय सॉफ्ट पावर के जरिए रिश्तों को लगातार मजबूत कर रही है। इसी कड़ी में भारत और अफगानिस्तान ने 2-5 सितंबर के बीच एक द्विपक्षीय 'सांस्कृतिक सप्ताह' आयोजित करने का फैसला किया है।
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत, फरीद ममुंडजे ने शुक्रवार को एएनआई को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशियाई पड़ोसी देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है। दोनों देशों के कई प्रमुख राजनयिकों और नौकरशाहों के महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेने की उम्मीद है,जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
30 जुलाई को एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए मामुंडजे ने संवाददाताओं से कहा, "अफगानिस्तान ने भारतीय संस्कृति से बहुत कुछ सीखा है, युवा अफगानों को भारत-अफगान संबंधों को समझना और उनका पालन करना चाहिए, इसलिए हमने इस आयोजन की योजना बनाई है।"
इसके अलावा, उन्होंने विस्तार से बताया, कि "अफगानिस्तान कठिन समय से गुजर रहा है, हम आतंकवाद और चरमपंथ से जूझ रहे हैं, लेकिन यह सांस्कृतिक सप्ताह अफगानों के बीच खुशी की खबर लाएगा।
मामुंडज़े ने चीन को भी सावधान किया
मामुंडज़े ने तालिबान द्वारा हिंसा की अनदेखी करने और आतंकवादी गुट के साथ सहयोग करने के लिए चीन को आगाह किया। भारत में अफगानिस्तान के राजदूत ने चेतावनी दी कि अगर ये आतंकी समूह अफगानिस्तान में काम करना जारी रखते हैं, तो इसका बीजिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
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इससे पहले कल, तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने मुख्य वार्ताकार अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात की, जिसमें पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) की गतिविधियों पर बढ़ती चिंता पर चर्चा की गई, जिसमें अफगानिस्तान में एक उइगर राज्य स्थापित करने की मांग की गई थी। तालिबान का नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय यात्रा पर राजनयिक वार्ता के लिए चीन गया है।
तालिबान ने दावा किया है कि उसने पाकिस्तान के साथ सीमा पर स्पिन बोल्डक सहित कई रणनीतिक सीमा क्रॉसिंग पर कब्जा कर लिया है। आतंकी समूह ने दावा किया कि वह अब ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ईरान के साथ अफगानिस्तान की 90 प्रतिशत सीमाओं को नियंत्रित करता है।
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Published July 31st, 2021 at 22:00 IST
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