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Updated November 26th, 2022 at 16:45 IST

Ambulance में धक्का देते रह गया परिवार, निकल गई मरीज की जान; Rajasthan की स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में

बांसवाड़ा (Banswara) के दानापुर में एक व्यक्ति की तबीयत खराब हो गई थी। परिवार ने अस्पताल ले जाने के लिए 108 पर कॉल करके एंबुलेंस (Ambulance) को बुलाया था।

Reported by: Dalchand Kumar
| Image:self
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राजस्थान (Rajasthan) में स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलने वाली एक घटना सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग के वाहन बिना ईंधन के 'धक्कामार' गाड़ी बन रहे हैं, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। राजस्थान के बांसवाड़ा (Banswara) में इधर एंबलेंस का ईंधन खत्म हो गया और परिवार गाड़ी में धक्का देते रह गया, उधर कथित तौर पर इलाज ना मिलने के कारण मरीज की जान ही निकल गई। अब बांसवाड़ा का स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता तो देखिए...विभाग ने इसका पूरा ठीकरा एंबुलेंस (Ambulance) चलाने वाली कंपनी पर फोड़ दिया है। 

बताया जा रहा है कि बांसवाड़ा के दानापुर में एक व्यक्ति की तबीयत खराब हो गई थी। परिवार ने अस्पताल ले जाने के लिए 108 पर कॉल करके एंबुलेंस को बुलाया था। एंबुलेंस मरीज को लेने के लिए घर पर पहुंच गई, लेकिन लौटते समय रास्ते में गाड़ी अचानक से बंद पड़ गई। इधर मरीज की सांसें अटकी हुईं थी और उधर गाड़ी का डीजल खत्म हो गया था। बार बार स्टार्ट करने पर गाड़ी चल नहीं पाई। 

परिवार के लोग किसी भी तरह मरीज को अस्पताल पहुंचाना चाहते थे। इसलिए बिना देर किए ही एंबुलेंस को धक्का देने लग गए। परिवार के लोगों ने धक्का से एंबुलेंस को फिर से स्टार्ट करने की कोशिश की, लेकिन पूरा डीजल खत्म होने के कारण गाड़ी चालू नहीं हो पाई और उधर मौत से जंग लड़ रहा मरीज अपनी लड़ाई हार गया। कथित तौर पर एंबुलेंस में ही मरीज की मौत हो गई। 

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बांसवाड़ा के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में कंपनी को जिम्मेदार बताया है। बांसवाड़ा के सीएमएचओ हीरालाल ताबियार ने कहा कि 108 एंबुलेंसों को एक निजी एजेंसी द्वारा संचालित किया जाता है,एजेंसी राज्य सरकार द्वारा अधिकृत है और कंपनी के ऊपर एंबुलेंस के रखरखाव का ज़िम्मा होता है। हालांकि सीएमएचओ ने मामले में जांच की बात भी कही है। 

उधर, राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने इसे प्रबंधन की असफलता बताया है। उन्होंने कहा, 'अगर एंबुलेंस में पेट्रोल खत्म हो गया और मरीज की मृत्यु हो गई है तो यह व्यवस्था की असफलता नहीं है बल्कि प्रबंधन की असफलता है। जो भी व्यक्ति इसके खिलाफ जिम्मेदार हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।' 

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Published November 26th, 2022 at 16:45 IST

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