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Updated October 1st, 2018 at 16:18 IST

मोदी सरकार का बड़ा कदम : कैश की किल्लत से जूझ रही IL&FS कंपनी की कमान कोटक महिंद्रा के हाथों थमाई

IL&FS को कई रेंटिंग एजेंसियों ने अति सुरक्षित रैंक दी हुई है. हाल ही में इस कंपनी ने अपनी कर्ज की किश्त 250 करोड़ रुपये नहीं चुका पाई .

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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कैश की किल्लत से जूझ रही इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) को पटरी पर लाने की कवायद में मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. कोटक महिंद्रा के हेड उदय कोटक को इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) की नई कमेटी का अध्यक्ष बनाया है. 

बता दें किल्लत से जूझ रही केंद्र सरकार ने कैश की किल्लत से जूझ रही इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) के मैनेजमेंट में बदलाव की पेशकश की थी. सरकार ने 10 सदस्यी ने बोर्ड के गठन का प्रस्ताव दिया है. अब सरकार ने इस पर फैसला लेते हुए उदय कोटक को नए बोर्ड के अध्यक्ष बनाया है. IL&FS कैश की परेशानी से जूझ रही है. पिछले कुछ महीनों से कंपनी ने तय समय पर अपनी किश्तों का पेमेंट नहीं किया है.

क्या है IL & FS

फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज एक नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है जो बैंको सो लोन लेती है. और इस कंपनी में दूसरी कंपनियां निवेश करता हैं और आम जनता इसके शेयर खरीदती है. यह एक पब्लिक सेक्टर कंपनी है जिसकी 40 सहासय कंपनियां है. 

IL&FS को कई रेंटिंग एजेंसियों ने अति सुरक्षित रैंक दी हुई है. हाल ही में इस कंपनी ने अपनी कर्ज की किश्त 250 करोड़ रुपये नहीं चुका पाई .

जानकारी के अनुसार IL&FS कंपनी की 17 हजार करोड़ रुपये के रीपेमेंट सह किश्त के लिए 25 एसेट्स बेचने की योजना है. कंपनी इस महीने में अब तक 3 कमर्शियल पेपर पर डिफॉल्ट कर चुकी है. ग्रुप का कहना है कि निवेशकों ने 25 में से 14 एसेट्स में निवेश की इच्छा जताई है. कंपनी का कहना है कि 25 एसेट्स बेचने से 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज घटेगा.

वहीं इस मामले में कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह कर्ज के बोझ तले दबी इंफ्रास्ट्रक्चर लिजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL & FS) कंपनी को बचाने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) पर दबाव डाल रही है.

वहीं IL&FS कंपनी के सबसे बड़े शेयरहोल्डर LIC के चेयरमैन का कहना है कि कंपनी के बेल-आउट की हर कोशिश की जाएगी.

एलआईसी चेयरमैन ने आगे कहा है कि IL&FS  को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे हालांकि कंपनी में हिस्सा बढ़ाने पर अभी फैसला नहीं होगा.

बता दें कि IL&FS में LIC की 25.34 फीसदी हिस्सेदारी है. इधर आईएलएंडएफएस ने कहा है कि ज्यादातर शेयरधारक 4,500 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू में निवेश के लिए तैयार हैं.

 

 

 

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Published October 1st, 2018 at 16:18 IST

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