Updated August 24th, 2019 at 20:18 IST
Arun Jaitley Passes Away LIVE: अरुण जेटली का निधन, दिल्ली के AIIMS अस्पताल में ली आखिरी सांस
24 अगस्त को 12 बजकर 7 मिनट पर माननीय सांसद अरुण जेटली अब हमारे बीच में नहीं रहे। अरुण जेटली को 9 अग्सत को एम्स में भर्ती कराया गया था।
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पूर्व वित्त मंत्री व बीजेपी के कद्दवार नेता अरुण जेटली नहीं रहे। एम्स ने एक बयान जारी कर कहा है कि वे बेहद दुख के साथ सूचित कर रहे हैं कि 24 अगस्त को 12 बजकर 7 मिनट पर माननीय सांसद अरुण जेटली अब हमारे बीच में नहीं रहे। अरुण जेटली को 9 अग्सत को एम्स में भर्ती कराया गया था।
07.50 Pm- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अरुण जेटली को घर जाकर दी श्रद्धांजलि
7.30 PM-सोनिया गांधी और राहुल गांधी दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को उनके घर जाकर दी श्रद्धांजलि
06.55 Pm- अरुण जेटली जी देश और पार्टी के लिए एसेट्स थे: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहअरुण जेटली जी देश और पार्टी के लिए एसेट्स थे: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
06.15 Pm- अरुण जेटली को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे लालकृष्ण आडवाणी
05.45 PM- हमारे वरिष्ठ नेता अरुण जेटली जी के निधन से गहरा शोक पहुंचा है. वे मेरे बड़े भाई की तरह थे और हम दोनों ने विद्यार्थी जीवन से 45 वर्षों तक साथ काम किया : रविशंकर प्रसाद
03.30 PM- पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का पार्थिव शरीर कैलाश कॉलोनी स्थित उनके आवास पहुंचा
03.15 PM- पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का पार्थिव शरीर अब एम्स अस्पताल से कैलाश कॉलोनी स्थित उनके आवास पर ले जाया जा रहा है।
03.00 PM- पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का पार्थिव शरीर अब एम्स अस्पताल से कैलाश कॉलोनी स्थित उनके आवास पर ले जाया जा रहा है।
BJP की स्थापना के बाद अरुण जेटली एक उभरते हुए युवा नेता के तौर पर सामने आए, उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में भी बतौर मंत्री अच्छा काम किया था : मुरली मनोहर जोशी, नेता, बीजेपी
02.30 PM- अरुण जेटली के पार्थिव शरीर को आज ही उनके ही निवास स्थान दिल्ली के 44 कैलाश कॉलोनी पर लाया जाएगा।
02.15 PM - अरुण जेटली के पार्थिव शरीर को रविवार सुबह 10 बजे BJP दफ्तर में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। रविवार को ही दोपहर 2 बजे निगम बोध घाट पर होगा उनका अंतिम संस्कार।
02.00 PM- कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अरुण जेटली के असामयिक निधन पर गहरा दुख और पीड़ा व्यक्त की ।
01.58 PM - रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा कि 'अरुण जेटली जी के निधन से दुखी हूं। आज भारतीय जनता पार्टी ने परिवार के एक अभिन्न सदस्य को खो दिया। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोक-संतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य व संबल प्रदान करें।''
01.38 PM- हम में से कई लोगों के लिए एक मार्गदर्शक, नैतिक समर्थन और हिम्मत, उससे बहुत कुछ सीखा है, हमेशा किसी की भी मदद करने के लिए तैयार। उनकी बुद्धिमत्ता, शिथिलता का कोई मेल नहीं है : निर्मला सीतारमण
01.32 PM - पीएम मोदी ने अरुण जेटली के परिवार से फोन पर की बात, परिवार ने दौरा रद्द न करने की अपील की।
01.20 PM- अरुण जेटली जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं, जेटली जी का जाना मेरे लिये एक व्यक्ति: अमित शाह, गृह मंत्री
012.45 PM- एम्स में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन
एम्स से मिली जानकारी के अनुसार अरुण जेटली का इलाज एंडोक्रिनोलोजिस्ट नेफ्रोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टरों की देखरेख में चल रहा था।
इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई अन्य नेताओं ने भी एम्स पहुंचकर पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। जिसमें बसपा प्रमुख मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे अन्य विपक्षी नेता भी शामिल थे।
बता दें पिछले लंबे समय से अरुण जेटली अस्वस्थ चल रहे थे और इसी वजह से उन्होंने दूसरी मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
जेटली पेशे से एक वकील थे और वह भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का अहम हिस्सा रहे थे।
उन्होंने वित्त एवं रक्षा दोनों मंत्रालयों का कार्यभार संभाला था और उन्होंने प्राय: सरकार के प्रमुख संकटमोचक के तौर काम किया। राज्यसभा सदस्य जेटली ने कहा था कि वह पिछले 18 महीनों से वह स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चुनौतियों से जूझ रहे थे और इसलिए भविष्य में किसी जिम्मेदारी से खुद को दूर रखना चाहेंगे तथा इलाज एवं स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
जेटली अपने बहुआयामी अनुभव के साथ केंद्र में मोदी की पहली सरकार (2014-19) के मुख्य चेहरा रहे थे। जेटली मंत्री बनने से पहले राज्य सभा में काफी समय तक विपक्ष के नेता रहे थे। जेटली दिल्ली के सत्ता के गलियारों के पुराने चेहरे थे।
जेटली 2002 में पहली बार राज्य सभा में गुजरात से निर्वाचित हुए। वीपी सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें सरकार का अतिरिक्त सलिसिटर जनरल बनाया गया। वह उस समय यह पद पाने वाले सबसे युवा अधिवक्ता थे। वाजपेयी सरकार (1999) में उन्हें मंत्री बनाया गया। इस दौरान उन्होंने समय समय पर विधि, सूचना प्रसारण, विनिवेश, जहाजरानी और वाणिज्य एवं विभाग की जिम्मेदारी दी गयी।
वर्ष 2006 में वह राज्य सभा में विपक्ष के नेता बने। वर्ष 2014 में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद मोदी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में वित्त, कंपनी मामलात का कार्यभार दिया। उन्हें बीच में रक्षा और सूचना प्रसार मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार भी दिया गया।
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Published August 24th, 2019 at 12:47 IST
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