Updated April 12th, 2021 at 22:55 IST
अजीत सिंह हत्याकांड: पूर्व सांसद धनंजय सिंह की बढ़ी मुश्किलें, 14 दिन में करना होगा सरेंडर
योगीराज में एक- एक अपराधी का हिसाब हो रहा है। अब बाहुबली धनंजय सिंह का नंबर आया है ।
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योगीराज में एक- एक अपराधी का हिसाब हो रहा है। अब बाहुबली धनंजय सिंह का नंबर आया है। जो अजीत हत्याकांड का आरोपी है। पुलिस धनंजय की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। जानकारी के अनुसार पुलिस धनंजय सिंह के घर की छापेमारी के लिए पहुंची, घर में मुस्तैदी के साथ धनंजय की तलाश की गई। लेकिन, उसकी कोई जानकारी नहीं मिली।
दरअसल, 6 जनवरी को अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। उनको 25 गोलियां मारी गईं थीं। वारदात में 2 अन्य लोगों के साथ एक शूटर भी घायल हुआ था। जिसने पूछताछ के दौरान बाहुलबली नेता धनंजय सिंह का नाम लिया। बयान के आधार पर धनंजय को हत्या की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया। केस मे नाम आने के बाद से धनंजय सिंह फरार है।
बता दें, यूपी पुलिस धनंजय को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी कर रही है। तो वहीं यूपी पुलिस के कहर से बचने के लिए धनंजय सिंह अदालत के चक्कर लगा रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच दायर अर्जी में उसने फरियाद की थी। अग्रित जमानत दी जाए और FIR को रद्द किया जाए। लेकिन, कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया और सख्त लहजे में कहा कि 2 हफ्ते के अंदर समर्पण करे, उसी के बाद जमानत की याचिका दाखिल होगी।
किसे कहते है भगोड़ा ?
जिन अपराधियों को लंबे समय तक पुलिस नहीं तलाश पाती है। उन पर एक तय समय के बाद कोर्ट से वारंट जारी कराया गया जाता है। जिसके तहत अपराधी को पुलिस या कोर्ट के सामने 30 दिन में पेश होना होता है। इस दौरान ही भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई शुरु हो जाती है। अपराधी के घऱ पर नोटिस चस्पा किया जाता है। सार्वजनिक जगहों पर पोस्टर लगाए जाते हैं और जब इस पर अपराधी का पता नहीं चलता तो फिर उसे भगोड़ा घोषित कर दिया जाता है। भगोड़ों के खिलाफ कु्र्की और संपत्ति जब्ती तक की कार्रवाई की जाती है।
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Published April 12th, 2021 at 22:55 IST
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