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Updated March 13th, 2021 at 19:34 IST

टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने बनाए 25 पक्के मकान, गर्मी के दौरान प्रदर्शन की पूरी तैयारी में किसान संगठन

टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अब पक्के मकानों का निर्माण कर रहे हैं।

Reported by: Ritesh Mishra
| Image:self
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नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच में लंबे समय तक गतिरोध जारी रह सकता है, क्योंकि टिकरी बॉर्डर पर नंवबर 2020 से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अब स्थायी आश्रय गृह बनाने लगे हैं। यानी की टिकरी बॉर्डर पर अब किसान ईंट-पत्थरों से बकायदा पक्के मकान का निर्माण कर रहे हैं। हालांकि कि वह छत की ढलाई नहीं कर रहे हैं।  

कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गर्मी का मौसम का देखते हुए टिकरी बॉर्डर पर मकान का निर्माण किया है। इन मकानों को किसान सोशल आर्मी ने बनाया है। 

किसान सोशल आर्मी के नेता अनिल मलिक ने एनएनआई न्यूज एजेंसी से कहा कि "ये घर किसानों की मर्जी की तरह मजबूत और स्थायी हैं। अभी 25 मकान बनाए गए हैं, आने वाले दिनों में 1000-2000 मकान बनाए जाएंगे।'

बता दें कि टिकरी बॉर्डर किसान रैन बसेरे की तरह मकान का निर्माण कर रहे हैं, जिसके चारो तरफ सीमेंट बालू से जोड़ी गई ईंट की दीवार है, हालांकि इन घरों की छत सीमेंट बालू गिट्टी की ढलाई से नहीं हुई है, इसकी जगह किसानों ने छत को पराली और घास फूंस से बनाया है। इस घर में किसानों ने खिड़की के साथ ही कूलर और पंखे लगाने की भी व्यवस्था की है। 

गौरतलब है कि सर्दी के दिनों में किसान दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ टेंट डालकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं गर्मी को देखते हुए वह पक्के आशियानों का निर्माण कर रहे हैं। 

वहीं कुछ दिन पहले 32 किसान संगठनों ने कृषि कानून पर केंद्र के साथ बंद पड़ी हुई वार्ता को शुरू करने के लिए नौ सदस्यीय पैनल का गठन किया था, हालांकि अभी केंद्र सरकार और किसान संगठनों की तरफ से यह नहीं जारी किया गया है कि उनके बीच अगले दौर की वार्ता कब होगी। 
 

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Published March 13th, 2021 at 16:54 IST

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