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Updated July 29th, 2019 at 20:04 IST

ईडी ने माल्या से जुड़ी मुखौटा कंपनियों का पता लगाया, शराब कारोबारी को पैसा भेजने में होता था उपयोग

जांच एजेंसी ने पिछले सप्ताह बेंगलुरू के वी शशिकांत और उनके परिवार के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) कानून के तहत छापे की कार्रवाई की।

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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प्रवर्तन निदेशालय ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के ‘करीबी सहयोगियों’ द्वारा मुखौटा कंपनियों के जरिये उसे अवैध धन हस्तांतरित किये जाने के मामले का खुलासा किया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उसने कहा कि इससे करोड़ों रुपये की बैंक धोखाधड़ी में जांच का दायरा बढ़ा है।

जांच एजेंसी ने पिछले सप्ताह बेंगलुरू के वी शशिकांत और उनके परिवार के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) कानून के तहत छापे की कार्रवाई की। संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के बारे में कुछ सूचनाएं मिलने के बाद यह कार्रवाई की गयी।

सूत्रों ने कहा कि शशिकांत माल्या के ‘करीबी सहयोगी’ हैं। शराब कारोबारी के ऊपर 9,000 करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग और कर्ज लौटाने में चूक का आपराधिक आरोप है। इस मामले में उनके ब्रिटेन से प्रत्यर्पण को लेकर प्रक्रिया जारी है।

ईडी ने मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत आपराधिक शिकायत के आधार पर माल्या के खिलाफ एफईओ कानून के तहत मामला दर्ज किया है। 

सूत्रों के मुताबिक वी शशिकांत फरवरी 2017 तक माल्या के कर्मचारी थे और वह करीब नौ साल तक कारोबारी के कार्यकारी सहायक रहे।

शशिकांत यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग लि. (यूबीएचएल) के प्रबंध निदेशक भी रहे। प्रवर्तन निदेशालय ने छापे के दौरान कुछ दस्तावेज, ई-मेल और व्हाट्सएप पर बातचीत प्राप्त किये। इससे पता चलता है कि वह माल्या के संपर्क में थे।

यूबीएचएल के पास यूनाइटेड ब्रेवरीज लि. के 10.72 प्रतिशत शेयर थे। यह कंपनी किंगफिशर बीयर और जूतों का निर्यात करती है। जांच में यह पाया गया कि शशिकांत ने यूनाइटेड ब्रांडिंग वर्ल्डवाइड (यूबीडब्ल्यू) नाम से कंपनी बनायी। इसमें उनकी पत्नी जयंती और बेटी अर्चिता भागीदार हैं।

यूबीडब्ल्यू ने किंगशफिशर ब्रांड बीयर और जूतों के निर्याता का यूबीएचएल का कारोबार ले लिया और कंपनी का निर्यात कारोबर 220 करोड़ रुपये सालाना पहुंच गया।

ईडी की जांच से पता चला कि यूबीडब्ल्यू का 60 प्रतिशत निर्यात दुबई की टैमी इंटरनेशनल को किया गया जो किंगफिशर बीयर का निर्यात कई देशों में करता था।

शशिकांत की बेटी दुबई में पंजीकृत कंपनी में बहुलांश हिस्सेदार है और यह संदेह है कि इस कारोबार से प्राप्त बिक्री राशि मुखौटा कंपनियों के माध्यम से माल्या को भेजी जाती थी। 

जांच एजेंसी को संदेह है कि इस कोष और निवेश का उपयोग माल्या अपने मौजूदा खर्च और 20 से 25 कर्मचारियों को वेतन भुगतान में करता था। ये कर्मचारी अभी भी माल्या के प्रति निष्ठावान बने हुए हैं।

छापों के दौरान गोल्ड रीफ इनवेस्टमेंट्स लि. और मैकड्वेल होल्डिंगस लि. जैसी फर्जी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज मिले जो माल्या से संबंधित थे। 

(इनपुट- भाषा)
 

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Published July 29th, 2019 at 20:04 IST

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