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Updated April 13th, 2021 at 12:17 IST

अर्नब से बातचीत में बोले एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया; 'कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक, नियमों का करें पालन'

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) के साथ एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने खास बातचीत की।

Reported by: Gaurav Kumar
| Image:self
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रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) के साथ एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने खास बातचीत की। जिसमें उन्होंने कोरोना के बढ़ते प्रकोप पर चर्चा की। इस दौरान डॉ रणदीप गुलेरिया ने भारत में कोरोना की दूसरी लहर को 2020 के मुकाबले काफी ज्यादा खतरनाक बताया। उन्होंने कहा है पॉजिटिव मामलों
में हो रही बढ़ोतरी की वजह से स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव बढ़ रहा है। साथ ही उन्होंने कोरोना के मामलों को कैसे कम किया जाए इसके लिए कई सुझाव भी दिए।

डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'उन क्षेत्रों में जहां कोरोना के मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है, हमें उन इलाकों को कंटेनमेंट जोन (containment zones) में बदलना होगा ताकि कोरोना के मामले एक इलाके से दूसरे इलाके में ना फैले। साथ ही टेस्टींग काफी ज्यादा संख्या में करनी होगी। हमें उन लोगों को ट्रैक करना होगा जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव
आई है। उन लोगों को आइसोलेट करना होगा चाहे घर पर या फिर कोरोना सेंटर में। हमें सुविधाओं को बढ़ाने होंगे।'

डॉ गुलेरिया ने आगे कहा, "जनवरी और फरवरी में हमारी स्थिति बहुत अच्छी थी, तो सभी को लगा कि COVID खत्म हो गया है और वैक्सीन भी आ गई है। लेकिन यह सच नहीं है। हमारे बीच में वायरस अभी भी है। हमने कोरोना नियमों का पालन नहीं किया जिसकी वजह से मामले बढ़े।''

वहीं इससे पहले केंद्रीय समिति ने रूस के स्पुतनिक वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। COVAXIN और COVISHIELD के बाद भारत में स्पुतनिक तीसरी वैक्सीन है जिसे मंजूरी मिली है।  

वैक्सीन की उम्र को लेकर हो रहे विवाद पर डॉ गुलेरिया ने कहा, "अगर हम देश में वयस्क आबादी को देखे तो हम 97 करोड़ लोग है, दो शॉट्स के लिए, हमें दो अरब खुराक चाहिए। अगर पूरी दुनिया की वैक्सीन को भी मिला लिया जाए तो भी हम सब लोगों को वेस्सीनेट नहीं कर पाएंगे।'' उन्होंने टीकाकरण की उम्र कम करने की मांग को नकार दिया। बता दें, वर्तमान में केवल 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति का ही टीकाकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि "यदि 18 से 30 साल की उम्र के किसी व्यक्ति ने वैस्कीन लगवा ली लेकिन 60 वर्ष की आयु के किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई तो वो ये वास्तव में अनैतिक होगा।'

आपको बता दें, देश में अब कोरोना के डेढ़ लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। वहीं कोरोना से होने वाली मौत की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। 

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Published April 13th, 2021 at 12:17 IST

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