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Updated November 5th, 2018 at 19:49 IST

दिग्विजय सिंह बोले, 'विवादित जमीन पर क्यों मंदिर बनाना चाहती है बीजेपी?'

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर पर टिप्पणी करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर सवाल खड़ा किया है. कहा चुनाव के लिए बीजेपी विवादित जमीन पर राम मंदिर बनवाना चाहती है.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. कोई सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद सरकार से अध्यादेश लाने की मांग कर रहा है तो कोई सुप्रीम कोर्ट से ही विवाद पर निपटारे की बात कर रहा है. इसी बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर पर टिप्पणी करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर सवाल खड़ा किया है. 

दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 'चुनाव नजदीक है, इसलिए बीजेपी अब राम मंदिर के बारे में सोच रही है. हम मंदिर बनाने का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन वो विवादित जमीन पर मंदिर क्यों बनाना चाहते हैं? अगर उन्हें विवादित भूमि पर मंदिर बनाना ही है तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए''.

गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई को जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया था. जिसके बाद से ही देश की राजनीति काफी तेज हो गई है. रविवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए तड़कता भड़कता बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि 'देश में कई ऐसे मुद्दे आए जिसके लिए आधी रात को कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर मामले को सुलझा दिया गया. लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है और दुनिया की कोई भी ताकत राम मंदिर को बनने से नहीं रोक सकती है'

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में अब तक क्या-क्या हुआ ?

  • साल 1528 में बाबर ने बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था. हिंदू मान्यता के मुताबिक इसी जगह पर भगवान राम का जन्म हुआ था.
  • साल 1853 में हिंदुओं ने आरोप लगाया कि भगवान राम के मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण हुआ था. इसे लेकर दोनों समुदायों के बीच पहली हिंसा हुई थी.
  • साल 1859 में ब्रिटिश सरकार ने विवादित भूमि के आंदरी और बाहरी परिसर में दोनों समुदाय के लोगों को अलग-अलग प्रार्थना करने की इजाजत दे दी.
  • साल 1885 में मामला पहली बार अदालत में पहुंचा. महंत रघुबर दास ने फैजाबाद अदालत में राम मंदिर के निर्माण की इजाजत के लिए अपील दायर की.
  • 23 दिसंबर 1949 को करीब 50 हिंदुओं ने मस्जिद के मुख्य स्थल पर भगवान राम की मूर्ति रख दी. जिसके बाद उस स्थान पर हिंदू नियमित रूप से पूजा करने लगे और मुसलमानों ने नमाज पढ़ना बंद कर दिया.
  • 16 जनवरी 1950 को गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद अदालत में ही एक अपील दायर करके रामलला की पूजा-अर्चना की इजाजत मांगी.
  • 5 दिसंबर 1950 को महंत परमहंस रामचंद्र दास ने हिंदू प्रार्थनाएं जारी रखने और बाबरी मस्जिद में राममूर्ति को रखने के लिए मुकदमा दायर किया.
  • 17 दिसंबर 1959 को निर्मोही अखाड़ा ने विवादित स्थल हस्तांतरित करने के लिए मुकदमा दायर किया.
  • 18 दिसंबर 1961 को उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक के लिए मुकदमा दायर किया.
  • 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने बाबरी मस्जिद के ताले खोलने और राम जन्मभूमि को आजात कराने के साथ-साथ एक विशाल मंदिर के बनवाने के लिए अभियान शुरू किया.
  • 1 फरवरी 1986 को फैजाबाद जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिदुओं को पूजा की इजाजत दे दी. दोबारा ताले खोले दिये गए. जिससे नाराज मुस्लिमों ने विरोध में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया.
  • जून 1989 में भारतीय जनता पार्टी ने वीएचपी को समर्थन देकर मंदिर आंदोलन को नया रूप दे दिया.
  • 1 जुलाई 1989 को भगवान रामलला विराजमान नाम से पांचवा मुकदमा दाखिल हुआ.
  • 25 सितंबर 1990 को बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली, जिसके बाद साम्प्रदायिक दंगे हुए.
  • नवंबर 1990 को आडवाणी को बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया. जिसके बाद बीजेपी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया.
  • अक्टूबर 1991 को उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह सरकार ने बाबरी मस्जिद के आस-पास की 2.77 एकड़ जमीन को अपने कब्जे में ले लिया.
  • 6 दिसंबर 1992 को हजारों की संख्या में कार सेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद ढाह दिया. जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे हुए. और जल्दबाजी में एक अस्थायी राम मंदिर बनाया गया.
  • 16 दिसंबर 1992 को मस्जिद की तोड़-फोड़ की जिम्मेदार स्थितियों की जांच के लिए लिब्रहान आयोग का गठन हुआ.
  • जनवरी 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यालय में एक अयोध्या विभाग शुरू किया, जिसका काम विवाद को सुलझाने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों से बातचीत करना था.
  • अप्रैल 2002 में अयोध्या के विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर उच्च न्यायालय के तीन जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू की गई.
  • मार्च-अगस्त 2003 में इलाहबाद उच्च न्यायालय के निर्देशों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अयोध्या में खुदाई की. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का दावा था कि मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष होने के प्रमाण मिले हैं.
  • जुलाई 2009 में लिब्रहान आयोग ने गठन के 17 साल बाद उस वक्त के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी.
  • 28 सितंबर 2010 को सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहबाद उच्च न्यायालय को विवादित मामले में फैसला देने से रोकने वाली याचिका खारिज करते हुए फैसले का रास्ता साफ किया.
  • 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा जिसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े में जमीन बंटी.
  • 9 मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.
  • जुलाई 2016 में बाबरी मामले के सबसे उम्रदराज वादी हाशिम अंसारी का निधन हो गया.
  • 21 मार्च 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से विवाद सुलझाने की बात कही.
  • 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित बीजेपी और आरएसएस के कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया.
  • 29 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2019 तक के लिए अपनी सुनवाई को टाल दिया.
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Published November 5th, 2018 at 19:49 IST

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