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Updated October 23rd, 2020 at 07:42 IST

कोरोना वैक्सीन: भारत बायोटेक की Covaxin को मिली फेज 3 ट्रायल की मंजूरी

भारत की स्वदेशी विकसित कोरोना वायरस की वैक्सीन - ‘कोवाक्सिन’ (Covaxin) को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण के लिए मंजूरी दे दी है।

Reported by: Sakshi Bansal
| Image:self
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भारत की स्वदेशी विकसित कोरोना वायरस की वैक्सीन - ‘कोवाक्सिन’ (Covaxin) को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण के लिए मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक इंडियन कंपनी ‘कोवाक्सिन’ नाम की कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही है। भारत बायोटेक वैक्सीन का निर्माण इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर कर रहा है जिन्होंने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए 2 अक्टूबर को अनुमति के लिए आवेदन किया था।

तीसरे चरण के लिए अनुमति मांगने वाले अपने आवेदन में, डेवलपर्स ने कहा था कि यह ट्रायल 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के लगभग 28,500 विषयों को कवर करेगा और दिल्ली, मुंबई, पटना और लखनऊ सहित 19 साइटों पर आयोजित किया जाएगा।

बता दें कि ‘कोवाक्सिन’ अभी एक निष्क्रिय वैक्सीन है जिसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में SARS-CoV-2 वायरस से निकाला गया है। भारत बायोटेक ने कहा है कि वो ‘कोवाक्सिन’ में एक ऐसी दवा को मिलाएगा, जिससे प्रतिरोधक क्षमता और मजबूत होगी और इससे लंबे समय तक इम्युनिटी मिलेगी।

विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की बैठक के अनुसार, भारत बायोटेक ने दो अक्टूबर को चरण एक और दो के दौरान किए गए क्लीनिकल ट्रायल के अंतरिम डेटा के साथ तीसरे चरण का क्लीनिकल प्रोटोकॉल प्रस्तुत किया।

समिति ने पांच अक्टूबर को हुई बैठक में चरण I और II क्लीनिकल ट्रायल के अंतरिम आंकड़ों का उल्लेख किया। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, समिति ने कहा कि 'चरण III के अध्ययन का सिद्धांत सैद्धांतिक रूप से बिना लक्षण वालों (asymptomatic) को छोड़कर संतोषजनक है।'

ये भी पढ़ेंः कोरोना वैक्सीन: तीसरे चरण के परीक्षण से पहले भारत बायोटेक से मांगा गया दूसरे चरण का आंकड़ा

भारत के कोरोना वैक्सीन उम्मीदवार

भारत बायोटेक को कोविड-19 के लिए स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने के लिए चरण I और II के क्लिनिकल ट्रायल के संचालन के लिए जुलाई में DCGA की स्वीकृति मिली थी। ‘कोवाक्सिन’ भारत द्वारा कोरोना के खिलाफ स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन में से पहली है। भारत बायोटेक ने वैक्सीन विकसित करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ सहयोग किया है। 

‘कोवाक्सिन’ के अलावा, भारत में वैक्सीन के दो और उम्मीदवार हैं। पहली अहमदाबाद स्थित Zydus Cadila की ‘ZyCoV-D’ और दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन और यूके के फार्मास्यूटिकल दिग्गज AstraZeneca के सहयोग से विकसित की जा रही है।

 

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Published October 23rd, 2020 at 07:38 IST

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