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Updated April 14th, 2021 at 18:39 IST

रांची में लाशों को जलाने के लिए श्मशान में लगी कतार, सड़क पर जलाए गए शव

झारखंड में कोरोना हर रोज संकर्मितों के नए रिकॉर्ड बना रहा है। रांची में कोरोना से होने वाली मौतों के रिकॉर्ड बना रहा है।

Reported by: Digital Desk
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रांची में कोरोना से होने वाली मौतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। राज्य की हालात ये है कि अब श्मासन घाटों पर अंतिमन संस्कार करने के लिए लोगों की कतार लग गई है। क्योंकि श्मशान घाटों में अब शवों को जलाने के लिए कोई जगह नहीं बची है। हर तरफ अफरातफरी का माहौल है। शहर के लोगों को अब शवों का अंतिम संस्कार सड़कों पर करना पड़ कहा है। जिससे और लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है।

सड़क पर हो रहा है अंतिम संस्कार

झारखंड में कोरोना हर रोज संकर्मितों के नए रिकॉर्ड बना रहा है। रांची में कोरोना से होने वाली मौतों के रिकॉर्ड बना रहा है।  पिछले 10 दिनों में रांची के श्मशान और कब्रिस्तान में शवों के आने की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। 

रविवार को रिकॉर्ड 60 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इनमें 12 शव कोरोना संक्रमितों के थे। जिनका दाह संस्कार घाघरा में सामूहिक चिता जला कर किया गया। 35 शव पांच श्मशान घाटों पर जलाए गए और 13 शवों को रातू रोड और कांटाटोली कब्रिस्तान में दफन किया गया।

बता दें, सबसे अधिक शवों का दाह संस्कार हरमू मुक्ति धाम में हुआ। मृतकों की संख्या अधिक हो गई और मुक्तिधाम की इलेक्ट्रिक शव दाह मशीन खराब हो गई। जिसकी वजह से शव जलाने वालों की कतार लग गई। एंबुलेंस से शव लेकर आए लोगों ने पहले घंटों इंतजार किया। फिर भी जब  जगह नहीं मिली तो कुछ लोगों ने खुले में ही चिता सजाकर शव जलाना शुरू कर दिया। हालांकि कोरोना पीड़ितों के शवों को इलेट्रिक मशीन के जरिए जलाया जाता है। सामान्य शवों का संस्कार सामान्य तरीके से होता है। लेकिन जगह नहीं रहने की वजह से लोगों को मुक्तिधाम के सामने के सड़क पर वाहनों की पार्किंग में ही शव रखकर अंतिम  करना पड़ा।

मशीन खराब होने की वजह से  हालात ऐसे हो गए कि देर शाम तक हरमू मुक्तिधाम में कई लोग शव लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। हालांकि अब मशीन को ठीक कर लिया गया है।
 

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Published April 14th, 2021 at 15:17 IST

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