Updated April 7th, 2020 at 16:01 IST
कोरोना वायरस के कारण सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री पर क्या असर दिखाई दे रहा है?
जितनी देर कोरोना टिकेगा सॉफ्टवेयर सेक्टर में उतना बड़ा नुकसान होगा।
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जैसे जैसे दुनिया भर में कोरोना वायरस की महामारी बढ़ रही है, वैसे-वैसे बेरोजगारी बढ़ने की संभावनाओं को भी बल मिलने लगा है। जानकारों की माने तो सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री यानी आई सेक्टर में कोरोना के क़हर से लगभग 1.5 लाख लोगों के रोजगार छिनने की उम्मीद जताई जा रही है। जितनी देर कोरोना टिकेगा सॉफ्टवेयर सेक्टर में उतना बड़ा नुकसान होगा।
पूरी दुनिया में लॉकडाउन की वजह आईटी सेक्टर के शेयर के भाव तक गिर गए हैं। भारत की कई कंपनियां विदेश में चल रहे आईटी प्रोजेक्ट पर निर्भर है। ऐसे में इस सेक्टर में अगले 6 महीनों में लाखों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। जानकारों के अनुसार सबसे ज्यादा रोजगार छोटी-छोटी सॉफ्टवेयर कंपनियों से जाएगा। इसके पीछे की वजह यह कि यह कंपनियां महामारी से निपटने में सक्षम नहीं हैं।
सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के बाद अगर किसी सेक्टर्स पर कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है तो वह टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री है। फिर चाहे वह मोबाइल बनाने वाली कंपनी हो या फेसबुक और गूगल जैसे कंपनियां।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक और गूगल को कोरोना महामारी की वजह से 44 बिलियन डॉलर यानी 4,400 करोड़ डॉलर का नुकसान इस साल 2020 में हो सकता है। दूसरे शब्दों मे कहें तो कोरोना वायरस के वजह से विज्ञापन देने वाली कंपनियां यह कह रही है कि लोग जब लॉकडाउन के चलते घर से बाहर ही नहीं निकल रहे हैं तो विज्ञापन दे कर क्या फायदा।
इधर चीन मे कोरोना के कोहराम से भारत के इलेक्ट्रॉनिक मार्केट के साथ हैंडीक्राफ्ट उद्योग पर असर पड़ेगा। क्योंकि इन इंडस्ट्री मे आने वाले कच्चे माल की आपूर्ति चीन से होती है। हालांकि चीन ने अपने यहां कोरोना महामारी फैलने से रोक लिया है, हांलाकी अब भी चीन के कई शहर लॉकडाउन है। ऐसे में चीन से भारत निर्यात होने वाले रॉ मेटीरियल 20 फीसदी महंगा आ रहा है।
वहीं यूरोपीय देश भी कोरोना वायरस की जद में आने से भारत में कई इंडस्ट्री प्रभावित होगा और अगर असर लंबा चला तो कई कंपनियां ठप भी हो सकती है। और इन सबका सीधा प्रभाव इंडस्ट्रीज के लाखों मजदूरों और कारीगरों पर पड़ेगा।
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Published April 7th, 2020 at 16:01 IST
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