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Updated November 28th, 2022 at 17:32 IST

अमृतपाल सिंह के 'खालसा मार्च' का समर्थन कर फंसे पंजाब कांग्रेस के नेता, पार्टी से हुई 'छुट्टी'

पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) ने सोमवार को अपने बड़े नेता और डीसीसी (DCC) के पूर्व अध्यक्ष कमलजीत सिंह बराड़ (Kamaljit Singh Brar) पर बड़ी कार्रवाई की है।

Reported by: Nripendra Singh
PC: Instagram/SandhuAmritpal1984/KamaljitSinghBrar
PC: Instagram/SandhuAmritpal1984/KamaljitSinghBrar | Image:self
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पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) ने सोमवार को अपने बड़े नेता और डीसीसी (DCC) के पूर्व अध्यक्ष कमलजीत सिंह बराड़ (Kamaljit Singh Brar) पर बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने बराड़ को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया। बराड़ पर यह कार्रवाई सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के 'खालसा वहीर' अभियान का समर्थन करने और इसमें शामिल होने के बाद की गई है।

आपको बता दें कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक नए विवाद को जन्म दिया, जब उसने महीने भर चलने वाले 'खालसा वहीर', (जिसे पंजाब में 'खालसा मार्च' के रूप में भी जाना जाता है) की शुरुआत के दौरान अलगाववाद का खुला आह्वान किया था।

अमृतपाल सिंह का समर्थन करने पर कांग्रेस ने पार्टी नेता को निकाला

कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने 27 नवंबर, 2022 को एक पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया, "कमलजीत सिंह बराड़ पूर्व डीसीसी अध्यक्ष मोगा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए तत्काल प्रभाव में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।" सूत्रों के अनुसार, बराड़ को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और अन्य नेताओं ने अलगाववादी नेता का समर्थन करने के लिए बार-बार चेतावनी दी थी।

अमृतपाल सिंह ने खुले अलगाववाद के आह्वान के साथ मार्च की शुरुआत की

अमृतपाल सिंह एक खालिस्तान समर्थक है, जिन्होंने हाल ही में दिवंगत अभिनेता दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब डे (WPD) की कमान संभाली थी। उसका मकसद क्या है, इस बारे में अमृतपाल ने हाल ही में रिपब्लिक से बात की।

रिपब्लिक भारत से एक्सक्लूसिव बात करते हुए अमृतपाल ने कहा, "आप जानते हैं कि एक नरसंहार चल रहा है। भारत सिखों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है। एक ड्रग नरसंहार और सांस्कृतिक नरसंहार है। इससे दूसरे देशों में बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है।"

अमृतपाल ने कहा,

"हम जो कर रहे हैं, उसका उद्देश्य हमारी संस्कृति को फिर से जिंदा करना है। इस दौरान हम उपदेश देने के पुराने तरीकों को फिर से जिंदा करेंगे। हम इसलिए यह काम कर रहे हैं। हमने इस मार्च की शुरुआत दरबार साहिब से की और एक महीने के अंदर हम अनंतपुर साहिब तक पहुंचेंगे। इस बीच हम कई जगहों पर रात्रि विश्राम करेंगे और प्रचार करेंगे।"

उनके लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर, अमृतपाल सिंह ने कहा, "धर्म की आजादी और धार्मिक आयोजनों की आजादी। हमने कई नरसंहार देखे हैं। अगर आप पंजाब के इस क्षेत्र में देखेंगे तो, ज्यूडीशियल किलिंग को छोड़कर सैकड़ों लोग फर्जी मुठभेड़ों में मारे गए। सामूहिक बलात्कार हो रहे हैं, अब हम सामूहिक पलायन का सामना कर रहे हैं। यहां कोई शिक्षा नीति नहीं है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं। हम इससे आजादी चाहते हैं। हमने 1849 में अपना साम्राज्य अंग्रेजों के हाथों खो दिया था और हम उस साम्राज्य की मांग कर रहे हैं।"

यह भी पढ़ें: अमृतपाल सिंह ने 'खालसा मार्च' किया शुरू, पंजाब सरकार की नाक के नीचे 'अलगाववाद' का किया आह्वान

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Published November 28th, 2022 at 17:32 IST

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