Updated April 22nd, 2020 at 18:53 IST
कोरोना वॉरियर्स पर किया हमला तो होगी जेल, केंद्र ने 123 साल पुराने कानून को किया अपग्रेड
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें मेडिकल स्टाफ के साथ हिंसा करने वालों के खिलाफ काननू में संशोधन को मंजूरी दी गयी है।
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केंद्रीय कैबिनेट ने 123 साल पुराने महामारी क़ानून को अपग्रेड करते हुए उसमें कई संसोधन किए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के साथ हिंसा करने वालों के खिलाफ काननू में संशोधन को मंजूरी दी गयी। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ या मेडिकल टीम से हिंसा करता है या उस पर हमला करता है तो उसे 3 से 5 साल तक की सज़ा का प्रावधान है। इतना ही नहीं, हिंसा करने पर ज़मानत भी नहीं दी जाएगी। ज़्यादा हिंसा करने और नुकसान पहुंचाने की स्थिति में अधिक्तम 7 साल की सज़ा और 5 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। हमला यदि गंभीर है तो 2 गुना तक हर्ज़ाना भी वसूल किया जाएगा।
बैठक में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए कड़ी सजा का एलान किया है।
सरकार इसको लेकर एक अध्यादेश ला रही है। अध्यादेश में स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा करने का दोषी पाए जाने पर छह महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
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बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि इस महामारी से देश को बचाने की कोशिश कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ता दुर्भाग्य से हमलों का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ हिंसा या इस तरह की कोई घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक अध्यादेश लाया गया है, इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ये प्रावधान हाल ही में कोरोना महामारी और लॉक डाउन के दौरान देश भर में हो रही हिंसा के मद्देनजर किया है। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी देश भर के डॉक्टर्स इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बात की थी। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी मौजूद थे। इस बैठक में गृह मंत्री ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ हो रही हिंसा पर डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह गंभीर है और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
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Published April 22nd, 2020 at 18:16 IST
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