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Updated January 10th, 2019 at 20:11 IST

आलोक वर्मा को बड़ा झटका, सेलेक्ट कमेटी ने CBI निदेशक के पद से हटाया

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) निदेशक आलोक वर्मा को उनके पद से हटाने का फैसला लिया गया है. उच्चाधिकार समिति की बैठक मेंआलोक वर्मा के खिलाफ फैसला आया.

Reported by: Ayush Sinha
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) निदेशक आलोक वर्मा को उनके पद से हटाने का फैसला लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार समिति की बैठक में आलोक वर्मा के खिलाफ फैसला आया.

इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी बैठक में शामिल थे. सेलेक्ट कमेटी का फैसले में आलोक वर्मा को बड़ा झटका लगा है. वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटा दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आलोक वर्मा को उनके पद पर बहाल किया था. उन्हें सरकार ने करीब दो महीने पहले जबरन छुट्टी पर भेज दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से फैसले के एक हफ्ते के अंदर ही बैठक बुलाने को कहा था. जिसके बाद गुरुवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई और ये फैसला लिया गया.

जानकारी के मुताबिक सेलेक्ट कमेटी ने 2-1 से लिया फैसला है. इस बैठक में न्यायमूर्ति सीकरी देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की तरफ से उपस्थित हुए. 

 

गौरतलब है कि CBI चीफ वर्मा औैर विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगााए थे जिसके बाद उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया था. आलोक वर्मा ने बुधवार को पदभार दोबारा संभालते हुए एम नागेश्वर राव द्वारा किए गए ज्यादातर तबादले रद्द कर दिए थे. और उसके एक दिन बाद गुरुवार को सेलेक्ट कमेटी का फैसला सीबीआई डायरेक्टर के खिलाफ आ गया.

CBI निदेशक आलोक वर्मा ने 77 दिन बाद अपना कार्यभार बुधवार को संभाला था. वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच की लड़ाई सार्वजनिक होने के बाद केंद्र सरकार ने अक्टूबर में आदेश जारी कर वर्मा के अधिकार वापस लेकर उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया था.

इसे भी पढ़ें - CBI डायरेक्टर पर आए 'सुप्रीम' फैसले को लेकर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने PM मोदी पर किया वार

इससे पहले देश की सर्वोच्च अदालत ने वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेजने के केंद्र के निर्णय को रद्द कर दिया था. हालांकि वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की जांच पूरी होने तक उन पर (वर्मा) कोई भी महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगाई गई थी.

वर्मा ने CBI से उन्हें हटाए जाने के फैसले को SC में चुनौती दी थी. अस्थाना ने भी कथित भ्रष्टाचार के मामले में CBI द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रूख किया है. इस संबंध में फैसला हाईकोर्ट में लंबित है.

CBI निदेशक के तौर पर वर्मा का दो साल का निर्धारित कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म होने वाला था. उससे पहले ही सेलेक्ट कमेटी की हैठक में उन्हें बड़े झटका का सामना करना पड़ा है.

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Published January 10th, 2019 at 19:54 IST

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