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Updated February 19th, 2019 at 07:31 IST

कश्मीर में अलगाववादियों की सुरक्षा वापस लेने के फैसले का समर्थन नहीं कर सकता : सज्जाद लोन

पुलवामा आतंकी हमले के बाद सज्जाद लोन के बड़े भाई बिलाल लोन सहित छह अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा रविवार को वापस ले ली गयी थी।

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन ने सोमवार को कहा कि वह कश्मीर में अलगाववादियों से उनकी सुरक्षा वापस लेने के फैसले का "समर्थन नहीं कर सकते’’ और उनके पिता की सुरक्षा "कम" किए जाने के कुछ महीने बाद ही उनकी हत्या कर दी गयी थी।

पुलवामा आतंकी हमले के बाद सज्जाद लोन के बड़े भाई बिलाल लोन सहित छह अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा रविवार को वापस ले ली गयी थी।

सज्जाद लोन ने कहा, ‘‘"यह उनका (सरकार का) फैसला है (अलगाववादियों की सुरक्षा वापस लेना) लेकिन व्यक्तिगत रूप से जहां तक ​​मेरा सवाल है, मैंने अपने पिता को खोया है और मैं इसका समर्थन नहीं कर सकता क्योंकि मैं कभी किसी के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करूंगा।"

अलगाववाद से राजनीति में आए लोन ने कहा कि उनके पिता की सुरक्षा 2002 में कम कर दी गयी थी और कुछ महीनों के बाद उनकी हत्या हो गयी। वह इस निर्णय का समर्थन करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की गई होती तो वह चुनाव नहीं लड़ पाते क्योंकि वह तब जीवित नहीं होते।

गृहमंत्रालय ने लिया था सुरक्षा वापस लेने का फैसला

केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए कश्मीरी अलगवादियों को मिली सुरक्षा हटा ली है । इन अलगाववादी नेताओं में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक , अब्दुल ग़नी बट्ट , हाशिम कुरैशी , शब्बीर शाह का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है । इन पांचों नेताओं की सुरक्षा हटाई गई हैं ।

पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक , इन पांचों अलगाववादियों को मुहैया कराई गई सुरक्षा और दूसरे वाहन आज उनके काफिले से वापस ले लिए जाएंगे । इसआदेश में कहा गया है किसी भी अलगाववादी को सुरक्षा बल अब किसी सूरत में सुरक्षा मुहैया नहीं करांगे । अगर उन्हें सरकार की तरफ से कोई अन्य सुविधा दी गई हैं , तो वह भी तत्काल प्रभाव से वापस ले ली जाएगी ।

इसके साथ ही अब पुलिस मुख्यालय किसी अन्य अलगाववादियों को मिली सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा करेगा और उसे भी तत्काल प्रभाव से हटा लिया जाएगा ।

बता दें गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले के बाद पुलवामा पहुंच कर कहा था , जम्मू कश्मीर में कुछ तत्वों का आईएसआई और अन्य आतंकी संगठनों से साठगांठ है । उन्हें मिली सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी । 

(इनपुट- भाषा)

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Published February 19th, 2019 at 07:31 IST

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