Updated March 12th, 2019 at 10:07 IST
आज अयोध्या पहुंचेगा तीन सदस्यीय पैनल। राम मंदिर पर मध्यस्थता से बनेगी बात?
कोर्ट ने मध्यस्थों से चार हफ्ते में प्रोगेसिव रिपोर्ट मांगी है जबकि आठ हफ्ते में पूरी रिपोर्ट देनी है। कोर्ट ने साफ किया है कि इसकी मीडिया रिपोर्टिंग नहीं की जाएगी।
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अयोध्या में राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद मामले की मध्यस्थता कल यानि 13 मार्च से शुरू होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए तीन सदस्यों का एक पैनल तैयार किया है। पैनल में शामिव तीनों मध्यस्थ 3 दिन तक अयोध्या के सभी पक्षकारों से मुलाकात करेंगे।
आज मध्यस्थता पैनल के तीनों सदस्य अयोध्या पहुंचेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक कल 13 मार्च से औपचारिक मध्यस्थता बैठक शुरू होगी।
तीनों मध्यस्थों के लिए राममनोहर लोहिया अवध विवि के इंजीनियरिंग कॉलेज के गेंदालाल दीक्षित गेस्ट हाउस में ठहरने की व्यवस्था की गई है। यहीं पर ये तीनों विवाद की सुनवाई करेंगे और पक्षकारों से मुलाकात करेंगे। सुनवाई तीन दिन तक चलेगी।
कोर्ट ने मध्यस्थों से चार हफ्ते में प्रोगेसिव रिपोर्ट मांगी है जबकि आठ हफ्ते में पूरी रिपोर्ट देनी है। कोर्ट ने साफ किया है कि इसकी मीडिया रिपोर्टिंग नहीं की जाएगी।
आपको बता दें कि कलीफुल्ला और श्रीराम पंचू कल ही लखनऊ पहुंच चुके हैं और आज अयोध्या जाएंगे। वहीं आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर चार्टेड प्लेन से आज अयोध्या पहुंचेंगे।
मध्यस्थता पैनल और पक्षकारों की बैठक से राम भक्तों का मंदिर बनाने का सपना सच हो सकता है। सालों से इस विवाद ने राम भक्तों के इंतजार को बढ़ा दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने एक मौका और दिया है ताकि इस विवाद को कोर्ट के बाहर ही सुलझा लिया जाए।
कई राउंड की बातचीत के बाद एक या एक से ज़्यादा फॉर्मूला बनाया जाएगा। ऐसा फॉर्मूला जो सभी या ज़्यादातर पक्षों को स्वीकार्य हो। ये भी हो सकता है कि इस दौरान पैनल के सामने कोई फॉर्मूला ही न बन पाए। पैनल की ओर से जो भी नतीजा निकाला जाएगा उसकी रिपोर्ट 8 हफ्तों में कोर्ट को सौंप दी जाएगी।
अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि किसी एक फार्मूले पर ज़्यादातर पक्षकार सहमत हैं तो उस पर कोर्ट अपनी मुहर लगा देगा। कोर्ट की मुहर लगने के बाद वह सभी को मान्य होगा। अगर कोई सहमत न हो तो पुनर्विचार याचिका के ज़रिए कोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकता है।
मध्यस्थता पैनल में रिटायर्ड जस्टिस एफ. एम. कलीफुल्ला, वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर हैं। इन पर बड़ी जिम्मेदारी है कि सभी पक्षों में आपसी तालमेल से बातचीत कराएं और भव्य राम मंदिर के लिए आगे का रास्ता तैयार हो।
मध्यस्थों को जानिए...
जस्टिस कलीफुल्ला
- अप्रैल 2012 में सुप्रीम कोर्ट में जज बने
- 2016 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए
- तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के रहने वाले
- BCCI को पारदर्शी बनाने में अहम योगदान
श्रीराम पंचू
- करीब 40 सालों से वकालत के पेशे में हैं
- मध्यस्थता के जरिए केस सुलझाने में माहिर
- कई जटिल मामलों में मध्यस्थ रहे
- 'द मीडिएशन चैंबर' नाम की संस्था बनाई
- एसोसिएशन ऑफ इंडियन मीडिएटर्स के अध्यक्ष
श्री श्री रविशंकर
- देश के प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु
- कई बड़े मामलों में मध्यस्थ की भूमिका
- 'आर्ट ऑफ लिविंग' के संस्थापक
- मंदिर मामले में दोनों पक्षों से अच्छे रिश्ते
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Published March 12th, 2019 at 09:31 IST
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