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Updated September 24th, 2022 at 18:29 IST

सूत्रों के हवाले से TRP हेरफेर मामले में बड़ा खुलासा, एक और चैनल का नाम आया सामने

TRP घोटाले में Republic को ED की जांच में क्लीचिट मिल गई है, वहीं सूत्रों ने बताया कि इस घटनाक्रम में एक और चैनल का नाम प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में सामने आया है।

Reported by: Digital Desk
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TRP घोटाले में Republic Media Network को ED की जांच में क्लीचिट मिल गई है, वहीं सूत्रों ने बताया कि इस घटनाक्रम में एक और चैनल का नाम प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में सामने आया है। TRP Report की 100 पन्नों से अधिक की इस चार्जशीट को बुधवार को कोर्ट में दाखिल किया गया। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि टीआरपी हेरफेर मामले में रिपब्लिक टीवी या रिपब्लिक भारत के खिलाफ "कोई सबूत नहीं" मिला है।

सूत्रों के अनुसार, दो न्यूज चैनलों के खिलाफ TRP में हेरफेर किए जाने के सबूतों की जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि दो समाचार चैनलों द्वारा अनियमितताओं की जांच ED द्वारा की जाएगी।

यह भी पढ़ें: फाइनल TRP रिपोर्ट पर अर्नब गोस्वामी ने दी प्रतिक्रिया; रिपब्लिक मीडिया को क्लीन चिट

ED ने इस मामले में कहा कि कुछ घरेलू पैनलों को टीवी देखने के लिए पैसे दिए गए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, ED ने दावा किया है कि उसे कुछ सबूत मिले हैं कि दो चैनलों को देखने के लिए कई घरों को क्षेत्रीय प्रबंधकों से पैसे मिले थे। फिलहाल इस मामले में ED की चार्जशीट पर किसी चैनल ने कोई बयान जारी नहीं किया है।

आपके सामने सच्चाई रखने के लिए रिपब्लिक ने ED के चार्जशीट की प्रमाणित कॉपी के लिए आवेदन दिया है।

FIR में दो चैनलों के नाम

8 अक्टूबर को एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए, मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी और दो अन्य चैनलों पर अपने चैनलों को लंबे समय तक देखने के लिए दर्शकों को भुगतान कर TRP में हेराफेरी करने का आरोप लगाया। 6 अक्टूबर, 2020 को दर्ज हुई FIR में रिपब्लिक टीवी, रिपब्लिक भारत, रिपब्लिक वर्ल्ड या रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के किसी भी सहयोगी का कोई उल्लेख नहीं था। इसके साथ ही BARC द्वारा की गई एक ऑडिट जांच ने पुष्टि की कि नवंबर 2019 से मई 2020 तक दो चैनलों ने अपने चैनल कम से कम दो घंटे देखने के लिए 5 घरों को रिश्वत दी गई थी।

हालांकि दिलचस्प बात यह है कि मुंबई पुलिस की इस न्यूज कॉन्फ्रेंस में केवल रिपब्लिक टीवी का नाम लिया गया था। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में परमबीर सिंह के बयानों के बारे में चिंता जताई। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट के सामने स्वीकार लिया है कि मूल प्राथमिकी में रिपब्लिक टीवी का नाम नहीं था।

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Published September 24th, 2022 at 18:26 IST

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