Updated November 9th, 2019 at 07:15 IST
अयोध्या भूमि विवाद मामले में 5 जजों की संविधान पीठ कल सुनाएगी फैसला
संविधान पीठ ने 16 अक्ट्रबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी। पीठ ने छह अगस्त से लगातार 40 दिन इस मामले में सुनवाई की।
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पूरे देश की धड़कने अयोध्या मामले पर फैसले के इंतजार में बढ़ चुकी है। आज रात अयोध्या और पूरे भारत के लिए लंबे इंतजार की रात होगी। क्योंकि कल की सुबह हर सवाल का जवाब लेकर आने वाली है। हालांकि सबकी तरफ से ये कहा गया है कि जो भी फैसला आएगा वो स्वीकार है।
उच्चतम न्यायालय राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में शनिवार को फैसला सुनायेगा। प्रधान न्यायासधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ , न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय संविधान पीठ शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे यह फैसला सुनायेगी।
संविधान पीठ ने 16 अक्ट्रबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी। पीठ ने छह अगस्त से लगातार 40 दिन इस मामले में सुनवाई की।
इसको देखते हुए यूपी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मामला कितना गंभीर है ये खुद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई भी समझते हैं। इसके मद्देनजर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगई ने यूपी की कानून व्यवस्था पर संज्ञान लेना शुरु कर दिया है। गोगई ने उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है।
गोगोई ने सूबे के डीजीपी ओपी सिंह और मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी को मुलाकात के लिए आज दिल्ली बुलाया था। CJI ने अपने चेंबर में यूपी के दोनों टॉप अफसरों से सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की जानकारी ली। चीफ जस्टिस के साथ दोनों अधिकारियों की यह मीटिंग करीब डेढ़ घंटे तक चली। बताया जा रहा है कि अयोध्या केस पर बनी संवैधानिक पीठ में शामिल सभी पांचों जज इस बैठक में मौजूद थे।
अयोध्या पर आने वाले फैसला ऐतिहासिक तो है ही पर बेहद संवेदनशील भी है। इस बात का अंदाजा चीफ जस्टिस को भी है, यही वजह है कि फैसले से पहले सुप्रीम कोर्ट सुरक्षा की तैयारियों को लेकर निश्चिंत होना चाहता है। हालांकि अभी तक किसी भी पक्ष से ऐसी कोई बात नहीं की गई है जिससे अशांति की आशंका हो। लेकिन सतर्कता जरूरी है ।यही वजह है कि सीजेआई की भी इस पर नजर है।
माना जा रहा है कि।15 नवंबर से पहले फैसला आ सकता है ।।वहीं यूपी पुलिस भी फैसले से पहले काफी मुस्तैद नज़र आ रही है।।उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। और अयोध्या से जुड़े किसी भी आयोजन पर रोक लगा दी है।।कोशिश यही है कि अयोध्या विवाद पर फैसले के बाद देश में अमन कायम रहे।।पुलिस की खास नजर सोशल मीडिया पर है।
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Published November 8th, 2019 at 21:20 IST
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