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Updated April 17th, 2020 at 21:51 IST

क्या मौलाना साद छिपकर अभी भी कोरोना फैलाने की साजिश कर रहा है? जाने इस मुद्दे पर अर्नब की राय

निजामुद्दीन मरकज को आयोजित करके मौलाना ने न केवल देश के, बल्कि दुनिया भर के लोगों को कोरोना के खतरे में डाल दिया है।

Reported by: Digital Desk
| Image:self
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केंद्र सरकार आये दिन कोरोना वायरस से बचने के लिए नए नए तरीके आजमा रही है। कभी वह देश में लॉकडाउन की अवधि बढ़ा देती है, कभी उन इलाकों को सील कर देती है जहाँ सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले पाए गए हैं, तो कभी घर से बेवजह बाहर निकलने वालों पर कार्यवाई कर रही है। इतना करने पर भी कुछ लोग ऐसे हैं जो सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करके न केवल अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, बल्कि अपने आसपास रहने वाले लोगों को भी कोविड-19 की चपेट में ला रहे हैं। 


दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत कोरोना से बेहतर तरीके से लड़ाई लड़ रहा है। स्वास्थ्यकर्मी और पुलिस फोर्स दिन रात एक कर ये सुनिश्चित करने में लगी है कि कोरोना से संक्रमित लोगों का आंकड़ा थम जाये लेकिन कुछ लोगों की गैर-जिम्मेदारी के चलते ये आकड़ा आज 14 हज़ार को पार कर गया है। ये आकड़ा काफी कम हो सकता था अगर मौलाना साद नहीं होता तो। इसलिए जब तक मौलाना को सजा नहीं मिल जाती, रिपब्लिक टीवी उसके खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखेगा।


निजामुद्दीन मरकज को आयोजित करके मौलाना ने न केवल देश के, बल्कि दुनिया भर के लोगों को कोरोना के खतरे में डाल दिया है। ऐसे कई लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं जो तबलीगी जमात में शामिल हुए थे। उसके बाद भी जब पुलिस उन्हें पकड़ कर क्वारंटाइन सेंटर ले जा रही थी तो उन्होंने उनके साथ बदसलूकी की। जमातियों ने स्वास्थ्यकर्मियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया है। 


ऐसे जमातियों का मौलाना साद आज डरा डरा फिर रहा है। वह सभी की नजरों से बचकर दिल्ली के वेस्ट जाकिर नगर में अपने साढू के यहाँ छुपा बैठा है। उसने न केवल देशवासियों की, बल्कि अपने परिवार की जान भी जोखिम में डाल दी है। 

अर्नब की राय 


मुरादाबाद में महिलाओं ने छत से पत्थर फेंके गए, उन डॉक्टर पर जो इलाज करने गए क्या ये जमाती पत्थर की भाषा समझते है? पहले मस्जिद में छिपते हैं फिर डॉक्टर-पुलिस को मारते हैं। ये तो लातों के भूत हुए इनसे बात क्यों की जा रही है​​​​​​? पत्थर का कानून तालिबान में चलता है इंडिया में नहीं चलता। यहां पत्थर फेंकोगे तो डंडा खाओगे वह पुलिस का डंडा। जो कह रहे हैं कि मुसलमानों को डराया जा रहा है, आप बताइए इलाज के लिए डॉक्टर भेज कर कौन डराता है? इंदौर में जिन लोगों ने डॉक्टर पर पत्थर फेंके उसमें से एक को कोरोना हो गया. कानपुर में पत्थरबाज जमाती को कोरोना हो गया, ऐसे लोगों का इलाज डॉक्टर क्यों करेंगे?

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Published April 17th, 2020 at 21:41 IST

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