Updated November 20th, 2018 at 18:59 IST
1984 सिख विरोधी दंगा : दोषी करार दिए गए यशपाल सिंह को मौत की सजा और नरेश सहरावत को उम्र कैद
नरेश सेहरवात और यशपाल सिंह को कोर्ट ने दो सिखों हरदेव सिंह और अवतार सिंह को दिल्ली के महिपालपुर में दंगों में जान से मारने का दोषी पाया है
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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा केस में 34 साल बाद बड़ा फैसला सुनाया है. मंगलवार को सिख विरोधी दंगा मामले में पहली सजा का ऐलान करते हुए नई पटियाला हाऊस कोर्ट ने दो दोषियों में जसपाल सिंह को फांसी , जबकि दूसरे नरेश सहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई.
यह पहला मामला हैं जब 1984 दंगों के मामले में किसी को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है. दोनों पर 35 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है.
इस दौरान कोर्ट ने नरेश व यशपाल को दंगों के दौरान हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या का दोषी ठहराते हुए कहा कि इस नरसंहार के पीड़ितों के साथ न्याय होना जरूरी है. उन्हें बीच में यूं लटका कर छोड़ा नहीं जा सकता .
नरेश सेहरवात और यशपाल सिंह को कोर्ट ने दो सिखों हरदेव सिंह और अवतार सिंह को दिल्ली के महिपालपुर में दंगों में जान से मारने का दोषी पाया है. यह मामला हरदेव सिंह के भाई संतोख सिंह ने दर्ज कराया था.
गौरतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट ने गत बुधवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों में 2 व्यक्तियों को 2 लोगों की हत्या के लिए दोषी ठहराया था. इन अभियुक्तों पर घटना वाले दिन पीड़ित परिवार की दुकान में लूट करने , दंगा फैलाने , दो सिख युवकों को जिंदा जलाकर मारने , मृतकों के भाईयों पर जानलेवा हमला करने का दोष साबित हुआ है.
याद दिला दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में हत्या के बाद कई शहरों में दंगे भड़क उठे थे. इस दौरान दिल्ली के महिपालपुर इलाके में दो सिख युवकों की हत्या कर दी गई थी.
दिल्ली पुलिस ने साक्ष्यों के अभाव में यह मामला बंद कर दिया था. लेकिन दंगों की जांच के लिए गठित एसाईटी ने मामले को दोबारा खोला. अदालत ने दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की अनेक धाराओं के तहत दोषी ठहराया. फैसला सुनाने के तुरंत बाद दोनों आरपियों को हिरासत में ले लिया गया.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि , ''मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं . आशा करता हूं कि हमलों में शामिल अन्य लोगों को भी जल्द ही उनके भयानक और अमानवीय कृत्यों के लिए भी सजा दी जाए.'
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Published November 20th, 2018 at 18:41 IST
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