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Updated April 4th, 2019 at 07:41 IST

अमेठी में स्मृति का धुंआधार दौरा, राहुल गांधी आज वायनाड से भरेंगे पर्चा

आज जहां राहुल गांधी वायनाड से नामांकन भर रहे हैं वहीं दूसरी ओर राहुल के गढ़ में स्मृति ईरानी अपने धुआंधार दौरे पर हैं।

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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स्मृति ईरानी आज से 2 दिनों के अमेठी दौरे पर हैं और राहुल गांधी आज को ही वायनाड से नामांकन भरने वाले हैं। इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी राहुल के साथ होंगी। सुबह 11 बजे राहुल गांधी अपना नामांकन दाखिल करेंगे। नामांकन से पहले राहुल गांधी रोड शो भी करेंगे।

आज जहां राहुल गांधी वायनाड से नामांकन भर रहे हैं वहीं दूसरी ओर राहुल के गढ़ में स्मृति ईरानी अपने धुआंधार दौरे पर हैं। सुबह 11 बजे स्मृति ईरानी किसान मोर्चा सम्मेलन में शामिल होंगी।

इसके बाद पार्टी नेताओं के साथ चुनाव की तैयारियों पर बैठक होगी। कल पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में भी स्मृति ईरानी शामिल होंगी। अमेठी से टिकट मिलने के बाद ये स्मृति ईरानी का पहला दौरा है।

4 पीढ़ियों से कांग्रेस का अभेद्य किला अब दरकने लगा है, इसका सबसे बड़ा सबूत है राहुल गांधी का वायनाड से चुनाव लड़ना।

दशकों तक अमेठी ने गांधी परिवार को निर्विरोध संसद तक पहुंचाया। ऐसे में राहुल गांधी का अमेठी से पलायन 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस के खाते में दर्ज होने वाली पहली हार की तरह है।

बीएसपी प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वे अमेठी में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेंगे। 

ऐसे में आखिरकार ऐसा क्या है जो राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में परिवार की अपनी पारंपरिक सीट से किनारा करके सुदूर दक्षिण में केरल की पहाड़ियों के बीच बसे वायनाड में अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाने को मजबूर कर रहा है।

बीते चुनाव में भी राहुल गांधी को स्मृति ईरानी से काफी कड़ी टक्कर मिली थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने बीजेपी की ईरानी को 1.07 लाख वोटों से हराया था, जबकि आम तौर पर गांधी परिवार की जीत का अंतर 5 लाख वोटों से ज्यादा का रहता था।

पिछले 5 सालों में राहुल भले ही खास मौकों पर अमेठी में दिखे हो पर स्मृति ईरानी लगातार अमेठी की गलियों में लोगों के सुख-दुश बांटती दिखीं। कई दशकों तक गांधी परिवार की हाईप्रोफाइल सीट रहकर भी अमेठी आज विकास की रेस में पीछे रह गया है।

ऐसे में लोगों के मन में जो गुस्सा है उसकी आंच शायद कांग्रेस तक पहुंच गई है। वायनाड से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की सबसे खास बात ये कि यहां राहुल का मुकाबला बीजेपी से नहीं बल्कि वामपंथियों से होगा।

वायनाड संसदीय क्षेत्र में करीब आधे मतदाता मुस्लिम हैं और इस बात को लेकर कांग्रेस बीजेपी के निशाने पर है।

राहुल गांधी के बचाव में उतरी कांग्रेस ने दलील दी कि कार्यकर्ताओं की मांग पर कांग्रेस अध्यक्ष ने वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, लेकिन कांग्रेस इस सच्चाई को छिपा नहीं सकती कि अमेठी में उसकी जमीन खिसक चुकी है।

पूरे देश में कांग्रेस बीजेपी को रोकने के लिए चुनावी अखाड़े में उतरने की तैयारी में हैं ऐसे में अपने घर में राहुल गांधी का ऐसा हाल देखकर चुनावी हवा की दिशा का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।

हार की शर्मिंदगी से बचने के लिए राहुल भले ही वायनाड चले गए हो लेकिए उनके इस फैसले से एक बात साफ हो गई है कि इस बार कांग्रेस का ये किला अब शायद ज्यादा दिन तक टिकने वाला नहीं है।

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Published April 4th, 2019 at 07:25 IST

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