Updated May 6th, 2019 at 12:32 IST
चक्रवात प्रभावित बंगाल का दौरा करना चाहते हैं PM मोदी, ममता सरकार ने ये वजह गिनाकर लगाया अड़ंगा- सूत्र
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चक्रवात फोनी के संबंध में चर्चा करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश की थी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में चक्रवात ‘फोनी’ के कारण हुई क्षति का आकलन करने के लिए सोमवार को हवाई सर्वेक्षण किया। ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी उनके साथ मौजूद थे। जिससे पता चलता है कि देश में चुनावी मौसम में केंद्र और राज्य सरकार में अगल-अलग पार्टी होने के बावजूद दोनों सरकार ने 'फोनी तूफान' से लड़ ने के लिए जबरदस्त समन्वय दिखाया।
लेकिन पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में राजनीति इस कदर हावी है कि पहले से ही तूफान की मार झेल रहे राज्य के लोगों को राहत कार्य के लिए अभी और इंतजार करना पड़ा सकता है।
दरअसल उच्च सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फोनी तूफान से मची तबाही का जयाजा लेने के लिए पीएम मोदी बंगाल का दौरा करना चाहते हैं लेकिन शायद राज्य की बंगाल सरकार पर चुनाव इस कदर हावी है कि वो कथित तौर पर किसी भी तरह से प्रधानमंत्री का बंगाल दौरा टालने की कोशिश में है। इसी कड़ी में बंगाल सरकार ने अधिकारियों की व्यस्ता का हवाला देते हुए अडंगा लगा दिया है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चक्रवात फोनी के संबंध में चर्चा करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं हो पाई क्योंकि मुख्यमंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया था कि प्रधानमंत्री ने इसके बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से बात की।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री के स्टाफ ने दो बार मोदी की बातचीत मुख्यमंत्री से फोन पर कराने की कोशिश की। दोनों बार स्टाफ से कहा गया कि मुख्यमंत्री की ओर से फोन किया जाएगा। एक अवसर पर उनसे कहा गया कि मुख्यमंत्री यात्रा पर हैं।’’
यह बयान ऐसे समय आया है जब तृणमूल कांग्रेस ने मोदी पर मुख्यमंत्री से चक्रवात के बीच राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं लेने को लेकर हमला बोला।
तृणमूल कांग्रेस ने चक्रवात फोनी के चलते जमीनी हालात की जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बजाय पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से बात करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि मोदी देश के संघीय ढांचे का सम्मान नहीं करते हैं।
तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा था, ‘‘यह संघीय ढांचे पर हमला है और संविधान से विचलन है। राज्यपाल को फोन करके उन्होंने भाजपा के नेता के रूप में कार्य किया है और देश के प्रधानमंत्री के रूप में नहीं। वह हमारे लोगों के जनादेश को कैसे नकार सकते हैं? ममता बनर्जी बंगाल की निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
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Published May 6th, 2019 at 12:32 IST
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