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Updated April 13th, 2021 at 21:57 IST

धरने पर बैठे-बैठे ममता बनर्जी ने बनाया पेंटिंग, बीजेपी पर साधा निशाना

टीएमसी ने धरने की इजाजत के लिए सेना के अधिकारियों को चिट्ठी तो भेजी थी। लेकिन इजाजत मांगने और धरना देने के बीच कम वक्त होने की वजह से सेना, ममता को इजाजत दे नहीं पाई।

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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कोलकाता का गांधी मूर्ति के सामने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने करीब साढ़े तीन घंटे तक धरना दिया। जहां दीदी चुनाव आयोग के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करने पहुंचीं थी। 

दरअसल, आचार संहिता के उल्लंघन की वजह से इलेक्शन कमीशन ने सोमवार को ममता बनर्जी पर 24 घंटे का बैन लगा दिया था। जिसकी मियाद आज देर शाम 8 बजे ही खत्म हो गई। लेकिन बैन की इसी अवधि के दौरान दीदी कुछ घंटों तक धरने पर बैठीं रहीं। जहां उनके लिए टीएमसी की तरफ से बाकायदा एक अस्थायी टेंट लगाया था। चुनाव आयोग के खिलाफ धरने के दौरान ममता के साथ न तो टीएमसी का कोई नेता था और नहीं कार्यकर्ता। टीएमसी के नेता या कार्यकर्ता तो दूर, धरनास्थल पर पार्टी का झंडा और बैनर भी नहीं था।

गांधी मूर्ति के सामने दोपहर तीन बजे तक दीदी अकेले ही धरने पर बैठीं रहीं। हालांकि खाली समय का सदुपयोग करने के लिए उन्होंने एक नायाब तरीका भी खोज लिया। गांधी मूर्ति के पास बैठने के दौरान ममता दीदी ने काफी देर तक पेंटिंग की।

हालांकि चुनाव आयोग की कार्रवाई झेलने वाली दीदी यहां भी नियम तोड़ना नहीं भूली। बिना किसी इजाजत के ही वो गांधी मूर्ति के पास बैठीं रहीं। जबकि यहां किसी तरह के इवेंट, कार्यक्रम या राजनीतिक गतिविधियों के लिए भारतीय सेना के अधिकारियों की इजाजत लेनी पड़ती है। क्योंकि कोलकाता के ये इलाका सेना के अधिकार क्षेत्र में आता है। मतलब चुनाव आयोग की पाबंदी वाली कार्रवाई को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन मानने वालीं ममता ने सेना की अनुमति का इंतजार तक नहीं किया। 

हालांकि टीएमसी ने धरने की इजाजत के लिए सेना के अधिकारियों को चिट्ठी तो भेजी थी। लेकिन इजाजत मांगने और धरना देने के बीच कम वक्त होने की वजह से सेना, ममता बनर्जी को इजाजत दे नहीं पाई। लेकिन दीदी पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक वहां पहुंचींऔर धरना दिया । पाबंदी की समय सीमा खत्म होने के बाद दीदी ने पिर पुराना राग अलापा। उन्होंने दावा किया कि संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग पर केंद्र सरकार और BJP के इशारे पर काम कर रही है। 

हालांकि इस तरह के आरोप लगाने वाली ममता ये भूल गईं कि उन पर 24 घंटे का बैन क्यों लगाया गया था। दरअसल कुछ दिन पहले बंगाल के रायदिघी में एक रैली के दौरान, दीदी ने बंगाल के मुसलमानों से किसी भी हाल में नहीं बंटने की अपील की थी। दीदी ने बेहद तीखे तेवर में असदुद्दीन ओवैसी और फुरफुरा शरीफ के इमाम पीरजादा अब्बास सिद्दीकी पर मुस्लिम वोटबैंक में फूट की सियासी साजिश रचने का आरोप जड़ दिया था। और इन दोनों मुस्लिम नेताओं पर BJP के इशारों पर भी काम करने का आरोप लगाया था। जिस पर BJP के नेता भी सामने आए और उन्होंने दीदी की धरने वाली पॉलिटिक्स के जरिए ही उन पर तंज कसा।


बता दें, धरने पर सियासी आरोप-प्रत्यारोप अपनी जगह, लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से नेताओं के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने का ये पहला मौका नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी कई बड़े नेताओं पर पाबंदियां लग चुकी है। जिसमें योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे तो मायावती पर 48 घंटे तक रोक लगी थी। 

यह भी पढ़ें- ममता पर बरसे राजनाथ सिंह; कहा- हर चीज के लिए PM को ब्लेम करना सही नहीं, अहंकार से नहीं संविधान से चलती है सरकार 

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Published April 13th, 2021 at 21:57 IST

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