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Updated May 26th, 2022 at 20:44 IST

निर्मला गहतोड़ी मुख्यमंत्री को देंगी 'कड़ी टक्कर' : हरीश रावत

इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में मुख्यमंत्री धामी और कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के बीच मुख्य मुकाबला है।

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उत्तराखंड में चंपावत विधानसभा सीट पर 31 मई को होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार के आखिरी चरण में कांग्रेस महा​सचिव हरीश रावत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 'कड़ी टक्कर' देंगी।

इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में मुख्यमंत्री धामी और कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के बीच मुख्य मुकाबला है।

पिछले कई दिनों से चंपावत में डेरा डाले रावत ने चंपावत बाजार, टनकपुर, बनबसा, अमोड़ी, सूखीढांग तथा अन्य जगहों पर कार्यकर्ताओं में जोश भरने और पुराने नेताओं को फिर सक्रिय करने के अलावा लोगों से जनसभाओं, जनसंपर्क और पदयात्राओं के जरिए गहतोड़ी को वोट देने और कांग्रेस को मजबूत करने का आग्रह करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है ।

रावत ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री धामी और गहतोड़ी के बीच मुकाबले को आने वाले दिनों में 'कड़ी टक्कर' में बदल दिया जाएगा ।

उन्होंने कहा, ‘‘इस समय यह फाइट (टक्कर) है और आने वाले दिनों में इसे हम टफ फाइट (कड़ी टक्कर) में बदल देंगे।’’

उन्होंने कहा ‘‘ पहले मतदाता बहुत मुखर था और लगता था कि वह धामी को वोट दे रहा है लेकिन हमारे समझाने के बाद अब वह खामोश है और मनन कर रहा है कि उसे क्या करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जब हम लोगों से कह रहे हैं कि इनसे (भाजपा से) पूछो कि ये यहां क्या विकास करेंगे और जो होना है वह तो सब हमने (कांग्रेस) ही किया है तो मतदाता सोचविचार कर रहा है।’’ विधानसभा चुनाव में चंपावत सीट पर भाजपा के कैलाश गहतोड़ी से पराजित हुए कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल के उपचुनाव लड़ने से मना करने के बाद कांग्रेस ने निर्मला गहतोड़ी को अपना प्रत्याशी घोषित किया । इसके बाद यह चर्चा तेज हो गई कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को 'वॉक ओवर' (आसानी से जीत) दे दिया है ।

हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर रावत ने इसका खंडन करते हुए कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं है। शुरूआत में लोगों को लगा कि जब विधानसभा चुनाव में 27000 वोट पाने वाले हेमेश नहीं लड़े तो यह भाजपा को ‘वॉक ओवर’ है । लेकिन जब लोगों ने निर्मला जी से पुराने संपर्कों को याद किया कि वह वर्षों से यहां के विकास और लोगों के व्यक्तिगत कामों के लिए सक्रिय रही हैं, उनके सुख-दु:ख में साथ खडी रही हैं, तो इस बात का भारी असर हो रहा है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गहतोड़ी चंपावत की जिलाध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य और कैबिनेट दर्जे के साथ समाज कल्याण विभाग की अध्यक्ष रही हैं, साथ ही उन्होंने कांग्रेस को यहां खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा, ‘'निर्मला जी यहां की पुरानी नेता हैं, लोगों के बीच में रही हैं और वह जब लोगों से मिल रही हैं तो लोगों को उनसे पुराना रिश्ता और संपर्क याद आ रहा ह। यह कांग्रेस के लिए फायदेमंद है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि शुरूआत में कांग्रेस के कुछ लोग पार्टी से चले गए थे लेकिन जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो वे वापस आ गए जबकि जाने का मन बना चुके कुछ अन्य लोग रुक भी गए ।

फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रचा लेकिन जीत की अगुवाई करने वाले धामी स्वयं खटीमा से हार गए ।

'उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार' के नारे पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली भाजपा ने एक बार फिर धामी को ही मुख्यमंत्री बनाया । हांलांकि, उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए शपथ ग्रहण करने से छह माह के भीतर विधायक बनना जरूरी है जिसके लिए वह चंपावत से उपचुनाव लड़ रहे हैं । धामी ने 23 मार्च को दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी ।

इससे पहले, धामी के उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने के लिए कैलाश गहतोड़ी ने 21 अप्रैल को अपनी विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। उपचुनाव का परिणाम तीन जून को आएगा ।

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Published May 26th, 2022 at 20:44 IST

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