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Updated May 21st, 2019 at 22:18 IST

NDA नेताओं के लिए अमित शाह का शाही डिनर, पनीर पसंदा से लेकर एप्पल जलेबी तक ये था लंबा चौड़ा मेन्यू

नतीजों से पहले दिल्ली में NDA नेताओं की बैठक हुई, पीएम मोदी भी एनडीए नेताओं से मिले।

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद एनडीए कुन्बे में जीत का जश्न का है। नतीजों से पहले दिल्ली में NDA नेताओं की बैठक हुई, पीएम मोदी भी एनडीए नेताओं से मिले, जिसके बाद देर शाम बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एनडीए नेताओं को डिनर दिया। 

हाथों में गुलाब, लेकिन दिल में कमल खिलने की हसरत, 23 मई को सरकार बनाने के लिए है एनडीए नेताओं की ये सियासी कसरत। दिल्ली में बेहिसाब गर्मी पड़ रही है लेकिन इसकी तपिश सियासी सरगर्मियों के आगे कुछ भी नहीं है। बीजेपी मुख्यालय में पीएम मोदी का स्वागत खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने किया।

इसके बाद दिल्ली के होटल अशोका में बीजेपी की संभावित जीत के रणनीतिकार अमित शाह ने एनडीए में शामिल पार्टियों के नेताओं को खाने पर बुलाया तो मानो ऐसा लगा कि देश 23 मई के बाद की तस्वीर देख रहा है।

क्योंकि ये एनडीए कुनबे की डिनर पार्टी थी तो ऐसे में सवाल उठाना लाजमी है कि इस डिनर पार्टी में क्या-क्या डिश परोसी गई होगी। तो आपको ज्यादा ना देर करते हुए बता ही देते हैं कि इस मेगा पार्टी में शाकाहारी बिरयानी, रोटी, पनीर पसंदा, दम आलू, मलाई. मेथी, दही बड़ा,सलाद, एप्पल जलेबी, मालपुआ, रबड़ी, कुल्फी आदि परोसी गई थी।

जीत को लेकर एनडीए के भरोसे और सियासी एकजुटता ने ज़रूर विपक्षी खेमे में हलचल मचा दी है, ऊपर से एग्ज़िट पोल के नतीजे जले पर नमक का काम कर रहे हैं। लेकिन एनडीए नेताओं के चेहरे पर बिखरी मुस्कान 23 मई की तस्वीर बयान कर रही है।

शिवसेना, जेडीयू, शिरोमणि अकाली दल, एआईएडीएमके, लोक जनशक्ति पार्टी और ऐसी ही तमाम पार्टियों के झंडाबरदार अमित शाह के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे और 23 मई को जीत मिलने की स्थिति में आगे की राह का खाका खींचा।

करीब 2 महीने की मेहनत के बाद पार्टियों और नेताओं की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है और अब सबको 23 मई के नतीजों का इंतज़ार है लेकिन एग्ज़िट पोल ने जिस तरफ इशारा किया है उसे देखकर लगता है कि चुनाव के एनडीए का कुनबा पहले से भी मज़बूत और बड़ा हो सकता है।

अमित शाह के इस शाही डिनर ने एनडीए की ताकत दिखाई है तो विपक्षियों के मुंह का स्वागत किरकिरा कर दिया है। क्योंकि उनके एक तरफ हार का डर खड़ा है तो दूसरी तरफ अमित शाह जैसे रणनीतिकार जो हर बाज़ी को जीतने में ना सिर्फ माहिर हैं, बल्कि विरोधियों की हर चाल को नाकाम करना भी उन्हें बखूबी आता है। 
 

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Published May 21st, 2019 at 21:32 IST

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