Updated December 13th, 2018 at 20:53 IST
CM की कुर्सी पर कांग्रेस के असमंजस के बीच भगोड़े माल्या ने पायलट और सिंधिया को दी बधाई
CM के नाम पर अभी मुहर नहीं लगी है कि भगोड़े विजय माल्या ने ट्वीट करके सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दे डाली है.
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सियासत, सत्ता और सस्पेंस.. पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे तो बीते 11 दिसंबर को आ चुके हैं लेकिन पांच में से तीन वो राज्य जहां कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है असमंजस बढ़ती जा रही है. लोग टक-टकी लगाए बैठे हैं कि आखिर इन तीन राज्यों में बतौर मुख्यमंत्री किसका राजतिलक होगा. लेकिन संशय खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच भगोड़े विजय माल्या ने ट्वीट कर कुछ ऐसा कर दिया कि हर किसी के जहन में कई सवाल उठने लगे हैं.
विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हुए दो दिन बीत चुके हैं. CM के नाम पर अभी मुहर नहीं लगी है कि भगोड़े विजय माल्या ने ट्वीट करके सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दे डाली है.
माल्या ने राजस्थान और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के पद के लिए पार्टी के युवा नेताओं सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दी है.
भगोड़ा विजय माल्या अभी भी लंदन में है. लेकिन चुनाव और कांग्रेस के फैसले में खासा उसकी दिलचस्पी दिखाई दे रही है. ट्विटर पर माल्या ने एक लाइन में कांग्रेस के युवा नेता पायलट और सिंधिया को बधाई संदेश दे दिया है.
माल्या के इस ट्वीट के बाद कई सवाल उठने लगे हैं.
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांटे की टक्कर के बीच कांग्रेस के खाते सबसे ज्यादा सीटें गईं. ऐसे में कांग्रेस को 15 साल बाद यहां सरकार बनाने का मौका मिला है. लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बना सस्पेंस यहां भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.
मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर असमंजस अभी भी बरकरार है. फिलहाल तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी पार्टी आलाकमान की मुहर नहीं लगी है. ऐसे में हर किसी को इंतजार है कि इन तीनों राज्यों में सीएम कौन बनेगा. हर कोई टक-टकी लगाए बैठा है. कांग्रेस के लिए ये फैसला कर पाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का 15 सालों तक चला वनवास खत्म हो चुका है. ऐसे में सीएम की गद्दी पर बैठने के लिए जद्दोजहद फिलहाल यहां भी जारी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ दोनों ही मुख्यमंत्री की दौड़ में प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.
इसके अलावा अगर राजस्थान की बात करें तो यहां भी हालात कुछ ऐसे ही बने हुए हैं. CM के चेहरे को लेकर राजस्थान में काफी गहम-गहमी देखी जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच का दरार किसी से छिपा नहीं है. दोनों ही पार्टी के कद्दावर नेता है. माना जाता है कि दोनों ही नेताओं के पार्टी के भीतर अपने अपने खेमे हैं. पहले भी दोनों ही नेताओं के समर्थकों में पहले भी तना-तनी देखी जा चुकी है.
पार्टी के दोनों दिग्गज नेताओं के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बीती मंगलवार रात, बुधवार और गुरुवार के पूरे दिन खींचातानी चलती रही. इस गरमा-गरमी के बावजूद अभी तक इस मसले का हल नहीं निकल पाया है. दोनों ही नेताओं के समर्थक अपने अपने नेताओं के हाथ में बागडोर देने की मांग पर अडे हुए हैं. इसका एक नजारा राजस्थान में देखा जा सकता है.
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Published December 13th, 2018 at 20:43 IST
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