Updated April 30th, 2019 at 17:19 IST
राहुल की नागरिकता पर BJP का चौतरफा हमला; राजनाथ सिंह, संबित पात्रा सहित बीजेपी नेताओं ने उठाए सवाल
गृह मंत्रालय ने एक नोटिस जारी कर राहुल गांधी से कहा है कि उनकी नागरिकता की स्थिति को लेकर दी गई शिकायत पर वे एक पखवाड़े में अपनी “तथ्यात्मक स्थिति” स्पष्ट करें।
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राहुल गांधी को “रहस्यमय व्यक्ति” करार देते हुए भाजपा ने मंगलवार को उनकी नागरिकता की स्थिति को लेकर गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस के संदर्भ में पूछा कि कौन असली है- “राहुल गांधी लंदन वाले या लुटियंस वाले।”
कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी की नागरिकता की कथा तीन ‘सी’ की कहानी है- सिटिजनशिप, कन्फ्यूजन और क्लेरिफिकेशन (नागरिकता, भ्रम और स्पष्टीकरण)।
गृह मंत्रालय ने एक नोटिस जारी कर राहुल गांधी से कहा है कि उनकी नागरिकता की स्थिति को लेकर दी गई शिकायत पर वे एक पखवाड़े में अपनी “तथ्यात्मक स्थिति” स्पष्ट करें।
गृह मंत्रालय ने एक पत्र में कहा कि उसे भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का एक प्रतिवेदन मिला है जिसमें यह कहा गया है कि बैकऑप्स नाम की एक कंपनी को ब्रिटेन में 2003 में पंजीकृत किया गया था जिसके निदेशकों में राहुल गांधी भी थे।
पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर सवाल हैं। उन्होंने कहा कि “अगर आप भ्रम पैदा करेंगे तो आपको सफाई भी देनी होगी।”
उन्होंने आगे कहा कि 'यदि आप कोई विवाद पैदा करते हैं, तो आपको केवल स्पष्ट करना चाहिए। इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं है। राहुल गांधी ने खुद इस विवाद को खड़ा किया है और राष्ट्र की मांग है कि वे स्पष्ट करें।"
पात्रा ने कहा कि सवाल प्रामाणिक दस्तावेजों पर आधारित हैं।
पात्रा ने कहा, “राहुल गांधी भ्रम के पर्याय हैं और वह रहस्यमय व्यक्ति बन गए हैं। हम उनसे पूछना चाहेंगे कि कि कौन असली है- राहुल गांधी लंदन वाले या राहुल गांधी लुटियंस वाले।”
बता दें, यह नोटिस भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की अर्जी के आधार पर जारी किया गया है।
पत्र का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है कि राहुल गांधी ब्रिटेन में 2003 में पंजीकृत कंपनी बैकऑप्स लिमिटेड के निदेशकों में शामिल थे।
कांग्रेस अध्यक्ष को मंगलवार को जारी नोटिस के बाद उपजे विवादों पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है और यह कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं है।
मंत्रालय ने कहा कि स्वामी के पत्र के अनुसार, ब्रिटिश कंपनी के 10 अक्टूबर, 2005 और 31 अक्टूबर, 2006 को भरे गए वार्षिक टैक्स रिटर्न में गांधी की जन्म तिथि 19 जून, 1970 बतायी गई है। उसमें गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया है।
सोमवार को जारी नोटिस के अनुसार, इसके अलावा 17 फरवरी, 2009 को इस कंपनी की परिसमापन अर्जी में भी आपकी नागरिकता ब्रिटिश बतायी गई है।। आपसे अनुरोध किया जाता है कि इस संबंध में पत्र मिलने के एक पखवाड़े के भीतर आप मंत्रालय को तथ्यात्मक स्थिति से अवगत कराएं।
नवंबर, 2015 में शीर्ष अदालत ने गांधी की नागरिकता की जांच सीबीआई से कराने की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी थी। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि जनहित याचिका किसी व्यक्ति या संस्थान को निशाना बनाने के लिए नहीं है, वह सुशासन के जरिए लोगों की दिक्कतों को सुलझाने का जरिया है।
तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एच. एल. दत्तू और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की पीठ ने याचिका के साथ सौंपे गए दस्तावेजों के स्रोत और प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए याचिका खारिज कर दी थी।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 2016 में गांधी के खिलाफ स्वामी की शिकायत संसद की आचार समिति के पास भेज दी थी। समिति के अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी थे।
ब्रिटिश नागरिक होने के आरोपों पर गांधी ने समिति से कहा था कि उन्होंने कभी भी ब्रिटेन की नागरिकता नहीं मांगी है और उनकी पहचान भारतीय नागरिक की है।
इस पूरे मामले पर राजनाथ सिंह का कहना है, ‘‘संसद का कोई सदस्य जब मंत्रालय को पत्र लिखता है तो जरूरी कार्रवाई की जाती है। यह कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं है।’’
वहीं, कांग्रेस का कहना है कि पूरी दुनिया जानती है, राहुल गांधी जन्म से भारत के नागरिक हैं।
उधर, भाजपा ने राहुल गांधी को ‘रहस्यमय व्यक्ति’ करार देते हुए उनकी नागरिकता की स्थिति को लेकर गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस के संदर्भ में पूछा कि कौन असली है- ‘राहुल गांधी लंदन वाले या लुटियंस वाले।’
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Published April 30th, 2019 at 17:19 IST
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